जामिया यूनिवर्सिटी के पास नहीं है सैलरी देने के पैसे, फंड जारी करने में देर कर रही है सरकार

जामिया मिलिया इस्लामिया आर्थिक संकट से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जून का वेतन का भुगतान करने के लिए यूनिवर्सिटी को समय से पहले अपने फिक्स डिपोजिट तोड़ने होंगे।

दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुदान जारी करने में देरी की गई है जिसके बाद जामिया को ये कदम उठाना पड़ा है।

बताया जा रहा है कि पिछले तीन महीने से निर्धारित समय पर धन यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालय को नहीं मिल पा रहा है।

हालांकि अधिकारियों ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस महीने के हालात को संभाल लिया है। लेकिन अगर भविष्य में अनुदान में देरी हुई तो फिर सेलरी देने में मुश्किल आएगी।

इसके अलावा खबर है कि Centre of Study of Social Inclusion and Inclusive Policy सेंटर के कर्मचारियों को अप्रैल 2017 के बाद से सेलरी नहीं मिली है ।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों ने दावा किया कि प्रशासन ने उन्हें बताया कि यूनिवर्सिटी को यूजीसी से फंड नहीं मिला है।

एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह जामिया के पास अपने दम पर प्रबंधन करने के लिए बहुत अधिक फंड नहीं है।”

हालांकि, जामिया प्रशासन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

टीओआई के मुताबिक 715 शिक्षकों और 1,180 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के साथ, जामिया को वेतन के लिए 12 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है।

जामिया यूनिवर्सिटी एक ऐतिहासिक यूनिवर्सिटी है जो 2020 में अपने 100 साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है । लेकिन यूजीसी आर्थिक संकट उसके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है ।