अल्पसंख्यक भूमिका को बरक़रार रखने के लिए जामिया कोई कसर बाकी नहीं रखेगी: प्रोफेसर तलत अहमद

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाईस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद ने आज दो टूक अंदाज़ में कहा कि यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक भूमिका को बरक़रार रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में जारी कानूनी लड़ाई में जामिया कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।

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उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जामिया के अंदर और बाहर समुदाय में कुछ लोग फर्जी, बेबुनियाद और अफवाहों पर आधारित खबरें फैला रहे हैं और यह काम अपने हितों के खातिर कर रहे हैं जो ठीक नहीं है। उनोने कहा कि मेरे बारे में कुछ लोग प्रोपेगंडा करने में व्यस्त हाँ कि मैं एक साल में रिटायर्ड होने जा रहा हूँ, मुहे कोई बड़ा पद हासिल करने की लालच है और इसी लिए मैं जामिया का बचाव नहीं कर रहा हूँ, मुझे कई जगहों पर काम करने का मौक़ा मिला है, और मैंने हमेशा शिक्षा और शिक्षक के संबंध को बेहतर रखा है।

जामिया से अपनी अवधि पूरा करने के बाद भी मैं पढ़ने पढाने से ही जुड़ा रहूँगा। वाईस चांसलर ने कहा कि जामिया इस्लामिया कानूनी कार्रवाई के साथ संशोधित शपथपत्र के खिलाफ अपना मजबूत रुख रखेगी। उन्होंने कहा कि अदालत के रिकार्ड यह बताते हैं कि सरकार के विचार करने वाली शपथपत्र के बारे में एडवांस नोटिस सिर्फ याचिकाकर्ता के वकील को मोहैया किया गया, जामिया को इसकी कोई सुचना नहीं गई, यह उसूल और कानून के खिलाफ है।