नई दिल्ली: देश के मौजूदा हालात में जिस तरह अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों और दलितों में हीन भावना पैदा की जारी है। उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही भीड़ बनाकर उन पर हमले किए जा रहे हैं। इन सब मुद्दों के मद्देनजर जमीअत उलेमा हिंद ने शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण जनता की भावनाओं का लिहाज़ करते हुए आगामी 30 जून को होने वाली अपनी ईद मिलन समारोह को रद्द करने का फैसला किया है।
खबर के मुताबिक जमीअत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमने शोक की भावना के साथ यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक वर्ग में श्रेष्ठता की भावना और अल्पसंख्यकों में हीन भावना पैदा किये जा रहे हैं। साथ ही मानसिकता के साथ हमले किए जा रहे हैं और सरकार, कमजोर और पीड़ित जनता को सुरक्षा प्रदान करने में लगातार कतराती है।
मौलाना मदनी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार, हमारे भावनाओं को समझते हुए कमजोर और पीड़ित क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान निकलेगी। तुरंत शांति और विश्वास का माहौल बहाल करने की कोशिश करेगी ताकि जनता पूरी खुशी, संतुष्टि और शांति के साथ ईद, होली और दीवाली जैसे खुबसूरत त्योहारों को आपसी मेलजोल से मना सके। लोग एक दूसरे की खुशी और दुख-दर्द में शरीक हो सकें।