जम्मू मे 10 रोहिंग्या मुसलमान को पुलिस थाने में कतार में खड़े कर लाठी और बेल्ट से पीटने का मामला सामने आया है. न्यूज़ 18 की ख़बर के मुताबिक एक नाबालिग रोहिंग्या लड़के ने बताया कि 10 सितंबर को जम्मू के सीमांत इलाके में स्थित थाने में पुलिस ने उनकी पिटाई की थी .लड़के ने बताया की पुलिस उनसे सिर्फ एक सवाल पूछ रही थी कि गाय की हत्या किसने की. आप को बता दें की उनके कैम्प के पास एक खाली भूखंड में गाय का कंकाल पाया गया था, जिसे लेकर बीजेपी के लोगों ने गोवध के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
कथित तौर पर जम्मू के दक्षिणी इलाके के चानी हिम्मत थाने में पुलिस ने बच्चों को दूध पिलाने वाली दो महिलाओं समेत 12 रोहिंग्या को 11 दिनों तक हिरासत में रखा था और उनकी पिटाई भी की थी.
न्यूज़ 18 को 16 वर्षीय सैयद नूर ने बताया, ‘थाने में बच्चे चिल्ला रहे थे, जिनमें एक सिर्फ चार दिन का नवजात था.’ सैयद के मुताबिक पुलिस ने उसे आठ दिनों तक हिरासत में रखा.
29 वर्षीय हामिद हुसैन ने पुलिस हिरासत में अपने दूसरे दिन को याद करते हुए बताया, ‘हम चिल्ला-चिल्ला कर पुलिस को बता रहे थे कि हमने ये काम नहीं किया है, लेकिन वो हमें 15 मिनट तक पीटते रहे.’
हिरासत में लिए गए तीन लोगों के अलावा, उनके पड़ोसियों ने पुलिस की निर्दयता के बारे में बताया. हुसैन ने कहा, ‘पुलिस ने हमें फर्श पर लिटाकर हमारे पैर, हाथ और पीठ पर लाठी और बेल्ट से मारा. उन्होंने हमें बहुत सताया.’
हिरासत में लिए गए लोगों ने बताया कि उनको 96 से 264 घंटे की अवधि के बीच पुलिस ने छोड़ा और कभी न्यायालय में पेश नहीं किया. रोहिंग्या के पड़ोस में रहने वाली 35 वर्षीय हिंदू महिला ने बताया कि पुलिस रोहिंग्या समुदाय के लोगों को गिरफ्तार कर ले गई थी और उनको भी थाने में बुलाया था, लेकिन उन्होंने जब अपने को हिंदू बताया तो पुलिस ने उनको छोड़ दिया.
चानी हिम्मत के थानेदार साजिद मीर ने कई लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाने की पुष्टि की है. हालांकि उनका दावा किसी को हिरासत में नहीं लिया गया था.
अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के मुताबिक पुलिस किसी भी व्यक्ति हो 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकती है. इस अवधि के दौरान पुलिस को उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना होता है.