तोक्यो: जापान के नए सम्राट नारुहितो ने अपने पहले संबोधन में विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की है। इसके साथ ही उन्होंने देश की जनता को भरोसा दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। नारुहितो ने शपथ ली, ‘संविधान के अनुरूप काम करूंगा।
इंडिया टीवी न्यूज डॉट कॉम के अनुसार, मेरे विचार सदैव मेरे लोगों के लिए होंगे और मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि उनके कामों में उनके पिता आकिहितो की झलक दिखाई देगी। आकिहितो को विश्व के प्राचीनतम साम्राज्य को जनता के समीप लाने वाला माना जाता है।
Japan’s new Emperor Naruhito takes #throne day after his #father abdicates #king https://t.co/Fhticw4vQx pic.twitter.com/34GrKmRgW5
— NewsInn (@NewsInnOfficial) May 1, 2019
गौरतलब है कि युवराज नारुहितो को मध्यरात्रि के दौरान आधिकारिक रूप से नया सम्राट बनाया गया। नारुहितो अपने पिता अकिहितो के पद त्यागने के बाद सम्राट बने हैं।
जापान के इतिहास में 200 साल से अधिक समय बाद किसी सम्राट ने पद त्याग किया है। 59 वर्षीय नारुहितो ने बुधवार को सुबह एक समारोह में औपचारिक रूप से ‘क्रिसेंथमम थ्रोन’ (राजगद्दी) ग्रहण किया। इसके साथ ही जापानी राजशाही का नया युग ‘रेइवा’ (सुन्दर सौहार्द) शुरू हो गया।
इम्पीरियल पैलेस में हुए राजतिलक के दौरान नारुहितो को शाही तलवार, शाही आभूषण, राज्य की मुहर और व्यक्तिगत मुहर सौंपी गयी। इस समारोह के दौरान, नियमानुसार राजपरिवार की कोई महिला सदस्य मौजूद नहीं थी, यहां तक कि इसमें सम्राज्ञी मसाको को भी भाग लेने की अनुमति नहीं थी।
पूरे समारोह के दौरान प्रधानमंत्री शिंजों आबे के मंत्रिमंडल की एकमात्र महिला सदस्य ही वहां मौजूद थीं। नारुहितो देश के 126वें सम्राट हैं। वह शनिवार को फिर से देश को संबोधित करेंगे।