राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) के मुख्यंमत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद बंगाल और बिहार दोनों की राजनीति गरमा गयी है।
भाजपा ने पीके के ममता के साथ साठगांठ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया है कि ममता को लगने लगा है कि उनकी नैया डूबने लगी है। अब वे पीके का सहारा ढूढ़ रही है। वहीं पीके के तृणमूल कांग्रेस के साथ आने पर बिहार जदयू पेशोपेश में है।
प्रभात खबर के अनुसार, बिहार में जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि यदि प्रशांत किशाेर और ममता बनर्जी की मुलाकात प्रोफेशनली है और यह सच है तो पार्टी फोरम के अनुसार कार्यसमिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष आगे की कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की इजाजत के बगैर एक दल में रहते हुए दूसरे दल के लिए काम करना संभव नहीं है। हालांकि दोनों की मुलाकात के बारे में हमलोगों को अधिकृत रूप से अभी पता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर हमारी पार्टी के वरीय नेता हैं और एक दल में रहते हुए दूसरे दलों के लिए प्रोफेशनली काम करना पार्टी फोरम के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर कोई किसी से मिल सकता है, इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रोफेशनली ऐसा होता है तो इस पर कार्य समिति आगे की कार्रवाई तय करेगी।