नई दिल्ली: जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भीड़ हिंसा और हत्या के एक मामले में झारखंड की एक स्थानीय अदालत के जरिये दिए गए फैसले का न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि उसे एक एतिहासिक फैसला करार देते हुए कहा है कि कानून और इंसाफ में लोगों का भरोसा बनाये रखने के लिए इस तरह के जघन्य घटना में इसी तरह के कड़े फैसले की सख्त जरूरत थी।
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गौरतलब है कि झारखंड के एक गाँव में शमसुद्दीन अंसारी नामक एक शख्स को एक भीड़ ने महज़ अफवाह की बुनियाद पर बेहद बेदर्दी से पीट पीटकर मार दिया गया था, इस मामले में जिन 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था उन्हें अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई है।
मौलाना मदनी ने कहा कि यह फैसला इस तरह के दुसरे मामलों में भी एक मिसाल बन सकता है। इस लिए कि देशभर में कई जगहों पर अफवाहों की बुनियाद पर मुसलमानों और दलित बेगुनाहों को भीड़ हिंसा का शिकार बनाया गया है। मगर चिंता की बात यह है कि दुसरे मामलों में पीड़ितों को अबतक इंसाफ नहीं मिल सका है।