झारखंड लिंचिंग केस : 8 आरोपी दोषी करार, फैसला आज, हो सकती है फांसी या उम्र कैद!

लातेहार : झारखंड के लातेहार लिंचिंग केस में बड़ा फैसला आया है. लोकल कोर्ट ने इस मामले में सभी 8 लोगों को दोषी करार दिया है. बुधवार को कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया. सभी आरोपियों को गुरुवार 20 दिसंबर को जिला अदालत में पेश किया जाएगा. जहां उन्हें सजा सुनाई जाएगी. बालूमाथ थाना क्षेत्र के खपरेलवर गाव में वर्ष 2016 में पशु व्यवसायी मजलूम अंसारी और इम्तियाज की हत्या कर फासी पर लटका दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद आरोपित बेल पर थे। बुधवार को सजा सुनाए जाने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

घटना के आरोपितों में बालूमाथ थाना क्षेत्र के निवासी प्रमोद साव, शाहदेव सोनी, मिथलेश साहू, अवधेश साव, मनोज साव, मनोज कुमार साव, विशाल तिवारी का नाम शामिल है। सुनवाई के दौरान कुल 11 लोगों की गवाही कराई गई थी. उन्होंने बताया कि पुलिस रिपोर्ट में पहले सिर्फ एक आरोपी नामज़द किए गए थे. जांच के बाद एफ़आईआर में सात और नाम जोड़े गए. अदालत ने इन्हें हत्या करने और उससे जुड़े साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश का दोषी माना है. लिहाजा, भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 302 और 201 के तहत उन्हें सजा सुनाई जाएगी. इसमें अधिकतम फांसी और न्यूनतम उम्रक़ैद की सज़ा का प्रावधान है.

दोनों पीड़ित छोटे मवेशी व्यापारी थे. दोनों ही गांवो से मवेशियों को खरीदते और बेचते थे. साथ ही मेलों में भी मवेशी बेचने का काम करते थे, जिससे दोनों अपने परिवार का गुजारा करते थे. लेकिन मवेशियों के साथ अचानक उन्हें भीड़ ने घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया. जिसके बाद दोनों की मौत हो गई.

मजलूम अंसारी के चार बेटियाँ और एक बेटा न्याय की आस में

इसके बाद पीड़ितों के परिवार ने कहा था कि भीड़ ने उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया है. इसकी प्लानिंग पहले ही कर दी गई थी. उन्होंने कहा था कि यह कोई आम घटना नहीं है. उनके हाथ पीछे की ओर बंधे थे। लातेहार के एसपी अनूप बरथरी ने कहे थे कि हत्‍या के तरीके और शवों को पेड़ पर लटकाए जाने से पता चलता है कि कातिलों के मन में बहुत घृणा थी।