बीते एक साल में न तो कोई बच्चा चोरी हुआ न तो ऐसी कोई रिपोर्ट दर्ज है: झारखंड पुलिस

झारखंड के राजनगर में हैवानियत का नंगा नाच हुआ, हज़ारों की भीड़ चार मुस्लिम युवकों को घेरती है और नाम पूछ-पूछकर उन पर हमला करती है ।

राजनगर गांव से 15 किलोमीटर दूर हलदी पोखर गांव के चार मुस्लिम नौजवान अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए राजनगर पहुंचे थे लेकिन वो आदमखोर हो चुकी भीड़ के हत्थे चढ़ गए।

कहा जा रहा है कि भीड़ ने बच्चा चोर गैंग की अफ़वाह सुनकर इन नौजवानों को पकड़ लिया और बेरहमी से पीटपीटकर मार डाला, भीड़ ने शवों को जला भी दिया।
बच्चा चोर गैंग की अफ़वाह पर प्रदेश के डीजीपी ने कहा कि गांव से पिछले एक साल में कोई बच्चा ना चोरी हुआ है ना ही लापता हुआ है । पुलिस के पास बच्चा चोरी होने की कोई रिपोर्ट दर्ज है । इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भीड़ ने सिर्फ़ चारों मुस्लिम युवकों अपना निशाना बनाया है ।

आदमखोर भीड़ से बचकर मुस्लिम युवकों ने अपने रिश्तेदारों से फोनकर मदद मांगी, रिश्तेदारों ने पुलिस को कई बार फोन किया लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची । अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती तो शायद चारों युवकों की जान बच जाती ।
तीन शवों को बरामद कर लिया गया था लेकिन चौथे लापता युवक सलीम शेख का शव बाद में बरामद किया गया है। भीड़ ने शव को जलाने की कोशिश भी की है । पुलिस और प्रशासन की संवेदनहीनता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद कोई बड़ा अफ़सर घटनास्थल पर नहीं पहुंचा है ।

इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, लेकिन पुलिस ने अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है । मृतक युवकों के परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया है।

पीडि़त परिवारों की मांग है कि आरोपियों की फ़ौरन गिरफ्तारी हो, परिवार को 25 लाख मुआवज़ा मिले और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। लेकिन पुलिस भी पीड़ितों के बजाए आरोपियों का साथ दे रही है । पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस उन पर 2 लाख रुपए लेकर मृतकों को दफ़्नाने का दवाब बना रही है ।

जमशेदपुर से महज़ 20 किलोमीटर की दूरी पर चार लोगों को भीड़ बेहरमी से मार डालती है और किसी के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है । सीएम का घर भी घटनास्थल से सिर्फ़ 20 किलोमीटर दूर है लेकिन उनका कोई प्रतिनिधि भी घटनास्थल नहीं पहुंचा है ।