अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद शुरू हो गया था। अब एएमयू से जिन्ना की तस्वीर गायब हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तस्वीर हटाने के पीछे विचित्र तर्क दिया है। एएमयू के एक अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में सफाई की जा रही है। तस्वीरों को भी साफ किया जा रहा है, लेकिन किसी तस्वीर को नहीं हटाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस जगह जिन्ना की तस्वीर लगी थी वहां कई अन्य तस्वीरें भी थीं। अब वहां से सिर्फ जिन्ना की तस्वीर ही गायब है। इसके बावजूद विवि प्रशासन यह मानने को तैयार नहीं है कि तस्वीर को वहां से हटाया गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि पांच-छह तस्वीरों की सफाई की जा रही है। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक धर्मनिरपेक्ष संस्थान भी बताया। जिन्ना की तस्वीर पर बवाल होने के बाद एएमयू प्रशासन ने सफाई देते हुए तस्वीर के छात्रसंघ भवन में लगे होने की बात कही थी। भाजपा सांसद ने एएमयू परिसर में पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर न केवल आपत्ति जताई थी, बल्कि एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को खत भी लिखा था। मालूम हो कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी बुधवार शाम (2 मई) को एएमयू जाने वाले हैं।
भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय परिसर में जिन्ना की तस्वीर लगाने का औचित्य पूछा था। वहीं, एएमयू प्रशासन ने छात्रसंघ भवन में तस्वीर लगे होने की बात कही थी। एएमयू ने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रसंघ के काम में दखल नहीं देता है। सांसद ने कहा था कि उन्हें एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगी होने की जानकारी मिली है। उनके मुताबिक, पूरी दुनिया जानती है कि जिन्ना भारत के बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे। मौजूदा हालात में पाकिस्तान रोजाना बेजा हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा है। भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले वर्ष 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना एएमयू में आए थे, उन्हें छात्रसंघ ने मानद सदस्यता दी थी। छात्रसंघ ने जिन लोगों को मानद सदस्यता दी है, उनकी तस्वीरें छात्रसंघ भवन में लगवाई गई हैं।