जम्मू :जम्मू कश्मीर के वज़ीर आला मुफ़्ती मौहम्मद सईद के इन्तेक़ाल पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए उनके नायिब निर्मल सिंह ने पीडीपी –बीजेपी मख्लूत हुकूमत पर साबिक़ वज़ीर आला की हिदायत पर काम करने पर ज़ोर दिया |
सिंह ने कहा कि, “हम इस ख़बर को सुनकर बहुत अफ़सोस में हैं ये पुरे मुल्क के लिए बहुत बडा नुकसान है” |
उन्होंने कहा कि सईद बहुत समझदार सियासतदां थे उनका विज़न न सिर्फ़ जम्मू कश्मीर बल्कि पूरा मुल्क था |
उन्होंने कहा “हम तवील मुद्दत तक उनकी क़यादत चाहते थे” |
नायिब वज़ीर आला ने कहा पीडीपी –बीजेपी मख्लूत हुकूमत सईद की क़यादत में मजमुई तरक्क़ी के एजेंडे पर काम कर रही थी |
उन्होंने कहा कि “जम्मू कश्मीर की अवाम को इस बात का एहसास हो रहा था कि हुकूमत उनकी तरक्क़ी के लिए काम कर रही है |मैं उम्मीद करता हूँ कि मख्लूत हुकूमत उनकी दी गयी हिदायत पर काम करेगी” |
79 साला सईद का आज सुबह इन्डियन इंस्टीट्यूट आफ़ मेडिकल साइंस (एम्स) में कई ऐज़ा नाकाम हो जाने के इन्तेक़ाल हो गया।
बुखार और सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें 24 दिसंबर को इन्डियन इंस्टीट्यूट आफ़ मेडिकल साइंस (एम्स) में एक निजी वार्ड में दाख़िल कराया गया था।
नायिब सदर मोहम्मद हामिद अंसारी, मरकज़ी वज़ीर खज़ाना अरुण जेटली, मरकज़ी वज़ीर दाख़िला राजनाथ सिंह, वज़ीर खारजा सुषमा स्वराज, कांग्रेस सदर सोनिया गांधी, जम्मू एवं कश्मीर केसाबिक़ वज़ीर आला उमर अब्दुल्ला, लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग और पीडीपी सरबराह समेत कई जानेमाने नेता, महबूबा मुफ्ती सैयद के इन्तेक़ाल की खबर सुनकर इन्डियन इंस्टीट्यूट आफ़ मेडिकल साइंस (एम्स) पहुंचे |
सईद, बिजबेहरा, जम्मू-कश्मीर में 1936 में पैदा हुए थे इससे पहले भी 2002-2005 में वज़ीर आला रहे थे |
उन्होंने 1999 में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की बुनियाद रखी थी।