जम्मू कश्मीर के नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, मैं वहां दिमाग बंद करके नहीं जा रहा हूं। हमें सकारात्मक पक्ष को भी देखना चाहिए। हाल ही में कश्मीर फुटबॉल टीम ने मोहन बगान टीम हो हराया है। अमरनाथ यात्रा शांति पूर्वक चली। इसलिए मैं वहां जाऊंगा, लोगों से उनकी समस्याओं पर बात करूंगा। उन्होंने कहा, वहां बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार है। इसलिए मैं देखूंगा कि वहां पीएम फंड किस तरीके से आवंटित किए गए। विधानसभा निलंबित है। एमएलए फंड अवरूद्ध है। मैंने प्रधानमंत्री से बात की है। इस शुरू किया जाए ताकि एमएलए अपने फंड को अपने क्षेत्र के विकास में खर्च कर सके।
सत्यपाल मलिक ने कहा, पत्थरबाजी की घटना कम हुई है। अभी मैं इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन हम इस मामले का हल निकालने जा रहे हैं। मैं राजनीतिक नेताओं से मिलूंगा, उनका अभिवादन करूंगा, और उनके साथ भोजन करूंगा लेकिन संवाद मेरा जनादेश नहीं है। मैं बुधवार को वार्ताकार से मुलाकात करने जा रहा हूं। उनसे फीडबैक लूंगा। मैं प्रदेश के लोगों से बात करूंगा। लोगों की समस्याओं पर बात करना हमारा मुख्य उद्देश्य है।
इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीटीआई-भाषा को दिए गए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि प्रशासन लोगों की बात किसी भी समय सुनने के लिए तैयार रहे और शासन के बारे में कोई शिकायत नहीं रहे। मैंने पहले ही उपायुक्तों से हर सप्ताह स्थानीय लोगों के साथ बैठक करने को कहा है और सलाहकारों को निर्देश दिया है कि वह लोगों से मिलने के लिए सप्ताह में एकबार हर जिला मुख्यालय में जाएं।’
उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल भवन जनता का भवन होगा।’ जम्मू कश्मीर में फिलहाल राज्यपाल शासन है। आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर में उनके स्थानांतरण का कॉल आने के बाद उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह एक काम है। मैं जानता हूं कि यह चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन हर चुनौती एक नया अवसर पेश करती है। मुझे भरोसा है कि मैं इसे खुशहाल राज्य में बदलने के लक्ष्य को पूरा कर पाऊंगा।’
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री कश्मीर के प्रति बेहद मित्रवत हैं और कश्मीर के बारे में उनकी बेहतरीन समझ है। उन्होंने मुझे सलाह दी है कि जितना हो सके लोगों तक पहुंच बनाऊं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या पंचायत चुनाव समेत स्थानीय निकायों के चुनाव कराना उनकी प्राथमिकता होगी तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर। आखिरकार स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना लोगों के लिये जरूरी है। मैं इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि जन प्रतिनिधियों को धन का मुक्त प्रवाह हो क्योंकि इसी तरीके से हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि विकास का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचे।’
कई स्थानीय युवकों के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह समस्या है। मेरे दिमाग में एक खाका है और मैं निश्चित तौर पर इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि गुमराह युवाओं से संवाद हो और उन्हें पारिवारिक जीवन में वापस लाया जाए।’ हालांकि, उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बातचीत नहीं की।
मलिक ने कहा कि उनका ध्यान राज्य में बेहतर खेल सुविधाएं सुनिश्चित करने पर होगा। मलिक इससे पहले बिहार के राज्यपाल थे। उन्होंने कहा, ‘राज्य के युवा काफी प्रतिभाशाली हैं और हमें उनकी क्षमताओं का दोहन करने की जरूरत है। मैं राज्य के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उच्च शिक्षा और अखिल भारतीय सेवाओं में चुने जाते देखना चाहता हूं।’