लंदन। जेएनयू का तनाजा अब कौमी मुद्दे से धीरे-धीरे इंटरनेशनल मुद्दे में तब्दील होता जा रहा है। जेएनयू मुद्दे में टीचर्स और स्टूडेंट्स को अब दुनिया की कई बावकार यूनिवर्सिटीज का हिमायत मिलने लगा है।
बावकार हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड, कोलंबिया और येल यूनिवर्सिटी के साथ दुनिया भर के कई और मशहूर यूनिवर्सिटीज के टीचर्स, जेएनयू के टीचर्स और स्टूडेंट्स के साथ हैं।
इन विश्वविद्यालयों के 455 प्रोफेसर्स और बाकी स्पेशलिट ने एक बयान जारी किया है।
इस बयान में उन्होंने जेएनयू में पुलिस की कार्रवाई को गैरकानूनी करार दिया है। आपको बता दें कि इन 455 लोगों में से कई जेएनयू के साबिक स्टूडेंट रह चुके हैं।
इन्होंने कहा है कि भारत की सरकार जम्हूरियत मुखालिफ , आज़ाद नज़रिए और अलग-अलग सियासी नज़रिए वाली जेएनयू की खुसूसियत को खत्म करना चाहती है।
बयान में आरोप लगाया गया है कि जेएनयू परिसर में स्टूडेंट को उनकी सियासी नज़रिए के चलते निशाना बनाया जा रहा है। इसमें देशद्रोह के नाम पर कैंपस की तलाशी और जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के सदर कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को एक हुक्मरान की घुसपैठ बताया गया है।
आपको बता दें कि जेएनयू में नौ फरवरी को हुए एक प्रोग्राम से सारे विवाद की शुरुआत हुई। पार्लिमेंट पर हमलों के मुर्जिम अफजल गुरू की याद में हुए इस तकरीब में भारत मुखालिफ नारे लगे थे।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के स्टूडेंट्स पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया और स्टूडेंट यूनियन के नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।