JNU मामला : दिल्ली कोर्ट ने खालिद और भट्टाचार्य की न्यायिक हिरासत बढाई

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नई दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने 9 फरवरी को विश्वविद्यालय कैम्पस में कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप हिरासत में लिए गये थे उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है ।

इस बीच, भट्टाचार्य और खालिद की रिहाई की मांग वाले पोस्टर जेएनयू कैम्पस में देखे गये थे और जेएनयू के छात्रों ने इन दोनों के समर्थन में नारेबाजी और मार्च भी किया ।

इससे पहले, जेएनयू की एक हाई लेवल इंटरनल कमेटी ने पिछले महीने कैम्पस में हुई एक विवादस्पद घटना जिसका नेतृत्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य लोगों ने किया था, के आरोप में 21 छात्रों को दोषी पाया |

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कथित तौर पर कन्हैया, के साथ चार अन्य छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाए ।

हालांकि कन्हैया ने कहा है कि पैनल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में निष्कासन का कोई जिक्र नहीं है ,
एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जिसमें निष्कासन का का कोई उल्लेख नहीं है और इसके लिए कल 5 p.m. बजे तक जवाब देने को कहा गया है|

समिति ने आज कुलपति एम जगदीश कुमार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में एकमत से छात्रों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की स्मृति में एक समारोह का आयोजन करके उल्लंघन विश्वविद्यालय मानकों और नियमों का उल्लंघन किया है |

जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य छात्रों, को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

इससे पहले पिछले सप्ताह, हाई यूनीवर्सिटी को 9 फ़रवरी की घटना पर हाई लेवल इंटरनल कमेटी द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट के बाद यूनीवर्सिटी ने 8 छात्रों का निष्कासन रद्द कर दिया था |

कन्हैया सहित , आठ छात्रों उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष, राम नागा, अनंत कुमार, श्वेता राज और ऐश्वर्या अधिकारी को 2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की तीसरी पुण्यतिथि पर उसकी फांसी के विरोध में एक समारोह का आयोजन में कथित संलिप्तता के लिए 12 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था ।