दिल्ली के जेएनयू में जेएनयूएसयू अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यकाल खत्म करते हुए इस मौके पर एक भावुक और लंबी पोस्ट लिखी है जिसमें कन्हैया ने अपने कार्यकाल के कई अहम पड़ावों का जिक्र किया है। कन्हैया ने आंदोलन के संघर्षों को याद करते हुए जेएनयू नारेबाजी, रोहित वेमुला, एफटीआईआई और यूजीसी जैसे कई अहम मुद्दों पर अपने विचार प्रकट करते हुए अपने दोस्तों और कामरेड से संबोधित करते हुए यह पोस्ट लिखी और कहा कि जिन्हें आप अपना मानते हैं उनको धन्यवाद बोलना थोड़ा अजीब लगता है। लेकिन फिर भी मैं उन लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जो हर मुश्किल हालातों और संघर्ष के हर कदम पर मेरे साथ खड़े रहे। अपने कार्यकाल के दौरान मैंने उन लोगों की सपोर्ट भी हासिल की जो कई मुद्दों पर मेरी राजनितिक विचारधारा से सहमत भी नहीं थे। मैं उन सभी छात्रों, शिक्षकों, कार्यकर्ताओं, जेएनयू के पूर्व छात्रों और कैंपस से बाहर के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जो समाज को पीछे ले जाने वाली ताकतों के खिलाफ समानता, न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई में साथ रहे। कन्हैया का कहना है कि कैंपस में स्डैंड विद जेएनयू आंदोलन इसलिए हुआ क्योंकि जेएनयू और जेएनयू छात्रसंघ की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी लेकिन इस दौरान लोगों ने उनका जोरदार समर्थन किया।