जेएनयू मामला: इस्लामी आतंकवाद के शीर्षक से कोर्स चलाना ठीक नहीं

नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध शैक्षिक संसथान जेएनयू में तथाकथित इस्लामी आतंकवाद के शीर्षक से एक कोर्स लाने पर काम शुरू किया गया है, जिसकी प्रख्यात उर्दू साहित्यकार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली अहमद फातमी की ओर से कड़ी निंदा की गई है और उसके खिलाफ संगठित तरीके से आवाज़ उठाने की अपील की गई है।

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हालाँकि जेएनयू के रोफेसर अनवर पाशा की ओर से कहा गया है कि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कोर्स का खाका क्या होगा, क्योंकि अकादमिक परिषद की ओर से ऐसे किसी भी कोर्स को शुरू किये जाने से इंकार किया जा रहा है।

जबकि शिक्षाविद इलियास मलिक ने भी उसकी निंदा की है और कहा है कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का धर्म है लिहाज़ा इसको आतंकवाद से जोड़ना अस्वीकार्य प्रकिया है। गौरतलब है कि जेएनयू की अकादमिक परिषद की ओर से यूनिवर्सिटी में नेशनल सिक्यूरिटी परिषद का कयाम प्रक्रिया में लाने को स्वीक्रति दी गई है, जिसके तहत तथाकथित इस्लामी आतकंवाद के नाम से एक कोर्स भी लांच कराने पर विचार किया जा रहा है।