जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र गुरुवार को फिर एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक पर जमा होंगे, इस बार मास आरटीआई फाइल करने के लिए। ऐकडेमिक सेशन 2017-18 में सीट कटौती के बाद जिन सीटों पर ऐडमिशन हुए हैं, उनकी पूरी जानकारी जेएनयू के स्टूडेंट्स और टीचर्स भी चाहते हैं। स्टूडेंट्स का अारोप है कि इस बार ऐडमिशन में धांधली की गई है और जितनी सीटों के लिए नोटिफिकेशन निकाला भी गया था, उनमें भी पूरे ऐडमिशन नहीं किए गए हैं।
जेएनयू के स्कूल और सेंटर के लिए ऐडमिशन का डेटा जारी जेएनयू टीचर्स असोसिएशन ने जारी किया है, जिसमें हिसाब से ई-प्रॉस्पेक्टस पर दिखाई गई सीटों की संख्या पर प्रशासन ने सिर्फ 53% सीटों पर ही ऐडमिशन ऑफर किए हैं। हालांकि, जेएनयू प्रशासन ने इससे इनकार किया है। प्रशासन का कहना है कि डेटा एक ही लिस्ट के आधार पर दिया गया है। जेएनयूटीए का कहना है कि ये कम ऐडमिशन ऐप्लिकेशंस की कमी की वजह से नहीं हुए हैं क्योंकि ऐप्लिकेशन की संख्या काफी ज्यादा थी।
ऐडमिशन, अपॉइंटमेंट और बाकी मुद्दों को लेकर जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन ने सभी से अपील की है कि वे मास आरटीआई फाइल करने में अपना सहयोग दें। यूनियन के प्रेजिडेंट मोहित पांडे का कहना है कि स्टूडेंट्स ऐडमिशन, अपॉइंटमेंट प्रोसेस के अलावा किसी भी उस मुद्दे पर अपने सवाल दर्ज कर सकते हैं, जिसकी जानकारी प्रशासन छिपा रहा है। इस बार प्रशासन ने ऐडमिशन लिस्ट भी जारी नहीं की है। मास आरटीआई फाइल करने एडमिन ब्लॉक 10 बजे से शाम 5 बजे तक बुलाया है।
रिपोर्ट ने 6 स्कूल/सेंटर का उदाहरण देते हुए बताया कि 139 सीटों पर प्रशासन ने 74 ही ऐडमिशन किए हैं। मसलन स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस में 22 सीटों के लिए 11 ही स्टूडेंट्स को सीट ऑफर की गई है। इसकी केमिस्ट्री, मैथ्स और फिजिक्स के लिए 30 स्टूडेंट्स ने लिखित एग्जाम पास (50% क्वॉलिफाइंग मार्क्स) किया था। यह भी कहा गया है कि प्रशासन ने रिजर्वेशन के कॉन्स्टिट्यूशनल प्रोविजन और सीईआई ऐक्ट को लागू करने में फेल रहा है। सिर्फ 2 एससी, दो एसीटी और 13 ओबीसी को ऐडमिशन मिला है। साथ ही, 50% क्वॉलिफाइंग मार्क्स में छूट ना देने से भी यह दिक्कत हुई है।