जेएनयू मामला: पुलिस ने जल्दबाजी में किया आरोप पत्र दाखिल!

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू नारेबाजी विवाद में बिना अनिवार्य अनुमति के जल्दबाजी और गुपचुप तरीके से आरोप पत्र दाखिल किया है। इसे अनुमति देने में एक माह का समय लगेगा।

यह जवाब दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य व अन्य के खिलाफ देशद्रोह के आरोप के सिलसिले में दिया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने सरकार की अनुमति के बिना ही देशद्रोह व अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था। केस की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।

पटियाला हाउस अदालत के सीएमएम दीपक सेहरावत के समक्ष अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग का पत्र पेश कर कहा कि जेएनयू में हुई नारेबाजी देशद्रोह के दायरे में आती है या नहीं, इस पर अब तक सक्षम अधिकारी निर्णय नहीं ले पाए हैं। दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र पर उसके वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा की सलाह ली जा रही है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब तीन साल की जांच के बाद दस आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह व अन्य धाराओं में 14 जनवरी 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया था। मामला संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी 2016 की रात हुए कार्यक्रम से जुड़ा है।

इस मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य को गिरफ्तार गया था। वे फिलहाल जमानत पर हैं। आरोप पत्र में सात कश्मीरी छात्रों मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, आकिब हुसैन, रईस, बशारत, उमर गुल, खालिद बशीर को भी नामजद किया गया है। इन आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया था।