नई दिल्ली: जेएनयू के दलित छात्र ने ख़ुदकुशी कर ली है। ख़ुदकुशी करने वाले लड़के का नाम रजनी बताया जा रहा है जो तमिलनाडु का रहना वाला था और जेनयू से एमफिल कर रहा था।
छात्रों के अनुसार रजनी अनुसूचित जाती से था और साथ ही जस्टिस फॉर रोहित वेमुला मुहीम का सदस्य भी था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस हादसे पर दुख जाहिर करते हुए सामाजिक न्याय पर बनी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य ने बताया हम हादसे की वजह से दुखी हैं। वह एक मेधावी छात्र और अच्छा लेखक था।
रजनी ने पिछले साल अपने ब्लॉग पर वेमुला की मां राधिका पर एक लेख लिखा था। रजनी कृश की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए जेएनयू छात्र सुयश सुप्रभ ने एक फेसबुक पोस्ट कर लिखा कि रजनी कृश की सांस्थानिक हत्या हुई है।
उनकी आत्महत्या जिन परिस्थितियों में हुई है उसपर ध्यान नहीं दिया गया तो किसानों की आत्महत्याओं वाला भारत बहुत जल्द विद्यार्थियों की आत्महत्याओं के लिए जाना जाएगा। मोदी सरकार और जेएनयू प्रशासन पर निशाना साधते हुए सुयश ने कहा कि सीटबंदी से होने वाली मौतों का हिसाब कौन रखेगा।
इसके साथ ही इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी पीड़ित छात्रों के लिए कब्रिस्तान में बदलती जा रही है। यह बहुत दुखद है।