बिहार: दिल्ली की जेएनयू में पढ़े मुज्जफरपुर जिले के चंदवाडा के रहने वाले मो. इम्तेयाज ने बिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिए एक मुहीम शुरू की है। जिसका नाम ‘Unnoticed: Food Campaign For Flood Victims’ रखा है।
इम्तेयाज ने इस मुहीम के तहत मस्जिदों और मंदिरों में कार्टुन रखा है, जिसके साथ उन्होंने एक पर्ची लगाई हुई है।
इस पर्ची पर उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद करने की दर्खास्त करते हुए लिखा है कि मैं किसी से इस मुहीम के लिए पैसे की मांग नहीं कर रहा। मैं सिर्फ घर का बना हुआ 10 रोटी और आलु की सूखी भाजी की मांग कर रहा हूँ।
इम्तेयाज इस मुहीम को पिछले कई दिनों से चला रहे हैं। इसमें उन्होंने अपने साथ औरतों यानी हाउस-वाइफ को शामिल किया है। उनका मानना है कि वह चाहकर भी किसी भी मुहिम का हिस्सा नहीं बन पाती थीं। इस मुहीम में औरतें बाढ़ पीड़ितों के खाना बनाकर मंदिरों-मस्जिदों में रखे गए कार्टून में रखवा देती हैं।
इस मुहिम की शुरुआत के बाद इम्तेयाज के साथ बहुत साथी जुड़े हैं, जो लगातार उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्में चंदवारा के निवासी राजा, बबलू, बबली, मुखतार, ताज, फुरकान हासमी, आकिब जावेद, साजिद इकबाल, बिट्टू, दुलारे बाबू और मों अजमल हुसैन ये सभी लोग इम्तेयाज की मुहिम के साथ दिन-रात बाढ़ पीड़ितों तक खाना-पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
इम्तेयाज की यह मुहीम लोगों में चर्चा का विषय बन हुआ है। इम्तेयाज और उनके साथियों के काम की सराहना करते हुए एनडीआरएफ की टीम ने अपने बोट की मदद से इम्तेयाज को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचाया।