मेट्रो स्टेशन पर CISF जवानों ने की JNU छात्र की पिटाई, कहा-“पाकिस्तान भेजेंगे तुम मुल्लों को आज”

जैसे ही CISF सिपाही ने अमन नाम सुना वो गुस्से में तिलमिला गया और धमकी देते हुए कहा पाकिस्तान भेज देंगे तुम मुसल्लों को । ये धमकी दिल्ली के राजीव चौक पर जेएनयू के छात्र अमन सिन्हा को दी गई है । CISF सिपाही ने अमन से बत्तीमीज़ी की और मारपीट भी की ।

गुरुवार शाम को हुई बत्तीमीज़ी के बारे में अमन सिन्हा ने फेसबुल वॉल पर लिखा है । अमन लिखते हैं कि ‘ मैं राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सिक्युरिटी लाइन में था, मेरे कानों में ईयरफोन लगा था तो गार्ड ने बदतमीजी से उसे निकालने के लिए कहा । उसकी बदतमीजी भरे लहज़े पर हमारी आपसी बहस हो गई। इस पर एक अन्य गार्ड आता है और वह मेरा नाम पूछता है । जैसे ही पता चलता है मैं जेएनयू से हूं वो मेरा पूरा नाम पूछता है । इसके साथ ही पूछते हैं कि कहां रहता हूँ। तभी एक गार्ड आकर कहता है कि पाकिस्तान भेजेंगे तुम मुसल्लों को आज ।’ क्योंकि अमन नाम सुनकर वह सोचता है छात्र मुसलमान है ।

अमन आगे लिखते हैं कि ‘इस बदसलूकी को जब पब्लिक वहां खड़े होकर देखने लगती है तो मुझे खींचकर सिक्योरिटी ऑफिस ले जाया जाता है फिर ऐसी जगह जहां पर सीसीटीवी न हो और मां बहन की गालियां देना शुरु कर दिए उसके बाद मुझे बुरी तरह से मारने और पीटने लगे और कहने लगे कि पब्लिक के सामने हमारा नाम खराब कर दिया। इस दौरान मैंने अपने मोबाइल से ये सब रिकॉर्ड करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने सब कुछ डिलीट करवा कर मेरा फोन फेंक दिया।’

‘राजीव चौक के कंट्रोल रूम ऑफिस में जाने पर भी किसी ने हमारा साथ नहीं दिया बल्कि जो सीनियर आई उन्होंने भी दुर्व्यवहार किया। साथ ही बोलती हैं कि हमारे ऑफिस में है तू, सीन करेगा तो हम कुछ भी कर सकते हैं ,पुलिस भी तुझे ही उठाएगी ।’

‘कंट्रोल रूम अधिकारी को CRPF के लोग कहते हैं कि इन जैसे लोगों की वजह से हमारे देश का गौरव खत्म हो रहा है। गार्ड्स में नफरत इस हद तक थी कि जूते में लगी गंदगी मेरे पैंट पर रगड़ दिया।’

आखिर ने भावुक होते हुए लिखा कि ‘मुझे नहीं पता मेरा गुनाह क्या था। बात सिर्फ कान में इयर फोन लगाने की थी या मेरी गलती ये थी कि मैं एक ऐसी यूनिवर्सिटी में पढ़ता हूं जहां पर सोशल जस्टिस की लड़ाई लड़ी जाती है ।

 

 

जेएनयू के छात्रों के साथ पहले ही बत्तीमीज़ी और दुर्व्यवहार की खबरें आती रही हैं । लेकिन अमन के ये आरोप गंभीर हैं जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ।