यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भ्रष्टाचार किया और नजीब के लिए इंसाफ मांगने पर जुर्माना लगाया: JNUSU

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन की छात्र-विरोधी नीतियों और असहमति की आवाज़ को दबाने की कोशिश के खिलाफ कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया। 

जेएनयू स्टूडेंट यूनियन ने ऐलान किया कि वह जल्द ही जेएनयू प्रशासन के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेगा। साथ ही जेएनयूएसयू ने प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि प्रवेश प्रक्रिया और आरक्षण को लागू करने में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। 

दरअसल, जेएनयू प्रशासन ने असहमति दिखाने के लिए कई स्टूडेंट्स पर भारी फाइन लगाए थे और जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडेय को नए सेमेस्टर के लिए पंजीकरण करने की अनुमति नहीं दी थी। जिसके चलते यह विरोध प्रदर्शन किया गया। 

प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की अनुशासनिक कार्रवाई की वजह से उन्हें अपनी डिग्री नहीं मिल पा रही, जिसके चलते उन्हें आगे पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जेएनयूएसयू ने अपने बयान में कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि आप अगले सत्र के लिए छात्रों का पंजीकरण रोक सकें और छात्रवृत्ति छीन सकें, लेकिन प्रॉक्टर के कार्यालय और जेएनयू प्रशासक छात्रों को फिरौती के लिए पकड़ रहे हैं।

प्रशासन ने नजीब अहमद के लिए न्याय मांगने पर हमपर 20,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया। वर्तमान स्थिति में, छात्रों को परिसर में रहने के लिए भारी जुर्माने का भुगतान करना होगा और यह सब विश्वविद्यालय में इसलिए किया जा रहा ताकि बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार पर्दा डाला जा सके। 

यूनियन ने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में वीसी के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया जाएगा। प्रशासन के खिलाफ चार्जशीट बनाकर वीसी को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। 

यूनियन ने बताया कि जेनयूएसयू की तरफ से जल्द एक सोशल ऑडिट करके इस पूरे भ्रष्टाचार और आरक्षण से छेड़छाड़ को उजागर किया जाएगा। यूनियन अगला प्रदर्शन अब 4 अगस्त को करेगी।