कानपूर में पत्रकार की गोली मार कर हत्या, मर्डर में नंबर 1 है योगी का राज्य यूपी

उत्तर प्रदेश के  कानपुर के बिल्हौर में आज शाम हिन्दी दैनिक में काम करने वाले युवा पत्रकार की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जय प्रकाश ने बताया कि नवीन गुप्ता (35) जब सड़क किनारे स्थित सार्वजनिक शौचालय से निकल रहा था, तभी उस पर गोलियों से हमला कर दिया गया। अस्पताल ले जाते वक्त नवीन की रास्ते में ही मौत हो गयी।

समाचार फैलते ही जिले के तमाम आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गये। घटनास्थल पर फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम को भी बुला लिया गया है।

पुलिस अधिकारियों को अभी इस हत्या के पीछे के कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन पहली नजर में उन्हें यह कोई पुरानी दुश्मनी का मामला लगता है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिवार द्वारा लिखित शिकायत देने पर मामला दर्ज किया जायेगा। इस बीच पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान छेड़ दिया है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

स्थानीय पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने इस हत्याकांड के बाद तुरंत एक बैठक बुलाई और पत्रकार की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की। कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने इस घटना की निंदा करते हुये कहा कि पत्रकार के हत्यारों को अगर 24 घंटे के अंदर नही गिरफ्तार किया गया तो पत्रकार आंदोलन करेंगे। उन्होंने पत्रकार के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की।

 

गौरतलब है कि जून 2015 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पत्रकार जगेंद्र सिंह की जलाकर हत्या कर दी गयी थी। वह खनन माफिया के घोटालों को उजागर कर रहे थे। अक्टूबर 2015 में प्रदेश के चंदौली जिले में 45 साल के पत्रकार हेमंत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वर्ष 2015 के अगस्त में ही बरेली में अंशकालिक संवाददाता के रूप में हिन्दी दैनिक में काम करने वाले संजय पाठक:42: की हत्या उनके सिर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार कर दी गयी थी।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) 2016 के आंकड़े भी जारी हुए, जिनसे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में सबसे अधिक हत्याएं और अपराध हुए।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां पिछले साल हत्या के सर्वाधिक 4,889 मामले दर्ज किए गए, जो 16.1 फीसद है। इसके बाद बिहार का स्थान है, जहां 2,581 हत्याएं हुईं, जो 8.4 फीसद है। साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल मामलों में उप्र में 49,262 मामले (14.5 फीसदी) दर्ज किए गए, जिसके बाद पश्चिम बंगाल का स्थान है।

वहां 32,513 मामले (9.6 फीसदी) दर्ज हुए। देश में बलात्कार के मामलों में साल 2015 के 34,651 मामलों की तुलना में साल 2016 में 12.4 फीसदी की वृद्धि हुई। यह आंकड़ा बढ़कर 38,947 हो गया।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में बलात्कार की 4,882 (12.5 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गईं, जिसके बाद उप्र का स्थान है। उप्र में बलात्कार की 4,816 (12.4 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गई। इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है, जहां इसकी 4,189 (10.7 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गईं। पिछले साल देश में विभिन्न अपराधों को लेकर कुल 37,37,870 लोग गिरफ्तार किए गए। जबकि 32,71,262 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। कुल 7,94,616 को दोषी ठहराया गया और 11,48,824 लोगों को बरी या आरोपमुक्त किया गया था।