जब शेहला राशिद ने ज़ी न्यूज़ के रिपोर्टर को गुलाब देकर फ़र्ज़ी ख़बर नहीं चलाने की रिक्वेस्ट की थी…

गौरी लंकेश की हत्या को लेकर दिल्ली के प्रेस क्लब में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान जेएनयू की छात्र नेता शहला राशिद द्वारा रिपब्लिक टीवी के एक रिपोर्टर को डांटे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।

एक रिपोर्टर के प्रति शहला के बर्ताव से नाराज़ कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर उनके ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया। मशहूर पत्रकार और न्यूज़ एंकर ऋृचा अनिरुद्ध ने शहला राशिद द्वारा रिपब्लिक के रिपोर्टर को डांटने वाला वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि ये क्या बेहूदगी है। ये प्रेस क्लब है और ये जगह पत्रकारों की है। शहला राशिद आखिर होती कौन हैं किसी पत्रकार को भगाने वाली।

ज़ी न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत ने तो शहला की इस हरकत को पत्रकारिता की हत्या तक बता डाला। रुबिका ने लिखा कि पत्रकार की हत्या के विरोध में महिला एक्टिविस्ट का अपनी सोच की अकड़ में किसी रिपोर्टर को रिपोर्टिंग से रोकना भी पत्रकारिता की हत्या है।

इनके अलावा और भी बहुत सारे पत्रकारों ने शहला की एस हरकत के लिए उनकी निंदा की। लेकिन सोशल मीडिया पर जो लोग भी शहला की आलोचना कर रहे हैं वो शायद शहला के आन्दोलनों से नावाकिफ़ हैं और अर्णव के रिपब्लिक टीवी के बारे में सही से नहीं जानते।

रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर को डांटने वाली यह वही महिला एक्टिविस्ट शहला हैं जिन्होंने पिछले साल पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के भीतर असामाजिक तत्वों की गुंडागर्दी और अराजकता का विरोध हाथों में गुलाब का फूल और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर किया था। तब शहला ने सवाल पूछने पर ज़ी न्यूज़ के रिपोर्टर को भी गुलाब का फूल दिया था और सही ख़बर चलाने का निवेदन किया था।

वहीं, रिपब्लिक टीवी की बात करें तो इसके बारे में जानने के लिए इतना ही काफी है कि पूर्व कंद्रीय मंत्री शशि थरूर तक को रिपब्लिक के उत्पीड़न से बचने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।