जुनैद के हत्यारे को फांसी की सजा से कम नहीं मिलनी चाहिए, पिता जलालुद्दीन की मांग

नई दिल्ली: जुनैद के हत्यारों को फांसी की सजा देने का सरकार से मांग करते हुए जुनैद के पिता जलालुद्दीन ने कहा कि इस तरह किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं होना चाहिए, चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई या कोई और।

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उन्होंने सरकार से इस संबंध में सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से जहां एक विशेष समुदाय में दहशत फैल रही है वहीं देश का नाम भी बदनाम हो रहा है। इसलिए उसका मुकाबला सिर्फ एक समुदाय के पक्ष में ही नहीं देश के हित में भी होगा।

उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते ऐसे दर्द से कोई भी पीड़ित हो जिस तरह की परेशानी उन्हें झेलनी पड़ी है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा और यहां की अदालत में उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने पुलिस की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस का रवैया हमारे साथ निष्पक्ष और मामले की जांच सही दिशा में चल रही है।

मुस्लिम संगठनों से मदद के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा ए हिन्द ने मदद की है और वकील का भी इंतेज़ाम करवाया है। लेकिन इस मामले को देखने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वकील और न्यायपालिका से सहायता प्राप्त करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने वाले नब्रास अहमद ने अपनी सेवा निःशुल्क दी है और जमीअत से पैसे लेने से इनकार कर दिया है।

श्री जलालुद्दीन ने कहा कि सरकार से अब तक कोई मदद नहीं मिली है लेकिन अखबार के ज़रिये पता चला है कि हरियाणा सरकार ने इसके लिए दस लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है, उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त के माध्यम से रेड क्रास से उन्हें पांच लाख रुपये की मदद मिली है।

इस अवसर पर जुनैद के वकील नब्रास अहमद ने कहा कि मुकदमा सही दिशा में चल रहा है और हमारी टीम पूरी मेहनत से मुकदमें के लिए तैयार है और हम इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी मामले को सही अंजाम तक पहुंचाने के लिए ‘फोलोअप’ बहुत जरूरी है और इस पर हम लोग बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं।