दिल्ली की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी 2016 में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में देशद्रोह का आरोप झेल रहे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपनी पीएचडी पूरी कर ली है. सोमवार को कन्हैया ने स्वयं इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि अब वे आधिकारिक तौर पर डॉ. कन्हैया कुमार हो गए हैं. उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में अपने ट्वीट में लिखा, “हम लाए हैं तूफ़ान से डिग्री निकाल के.”
आज अपनी पीएचडी थीसिस का वाइवा पास करनेे की ख़ुशी आप सभी से साझा करना चाहता हूँ। उन तमाम लोगों का शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने संघर्ष में मेरा साथ दिया।🙏🏼
Officially Dr. Kanhaiya Kumar now 😊
P.S.- "हम लाए हैं तूफ़ान से डिग्री निकाल के" ☺️😄 pic.twitter.com/qWm3ZovwB7
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 14, 2019
जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, ‘आज अपनी पीएचडी थीसिस का वाइवा पास करने की खुशी आप सभी से साझा करना चाहता हूं. उन तमाम लोगों का शुक्रगुज़ार हूं. जिन्होंने संघर्ष में मेरा साथ दिया. अब आधिकारिक तौर पर डॉ कन्हैया कुमार.’ और अंत में उन्होंने व्यंग बाण चलाते हुए लिखा “हम लाए हैं तूफ़ान से डिग्री निकाल के.”
इससे पहले अगस्त 2018 में कन्हैया कुमार ने अपनी पीएचडी थीसिस पूरी की. अपनी थीसिस पूरी करने के बाद वे बिहार अपने गांव पहुंचे और अपनी मां को थीसिस भेंट की थी. बता दें कि कन्हैया पर देश के लोगों के टैक्स जेएनयू में राजनीति के सवाल उठते रहे हैं. लिहाजा उन्होंने ट्वीट में लिखा था, ‘गरीबी को सपनों की राह में बाधा नहीं बनने देने वाली मेरी मां को आज अपनी थीसिस भेंट करने के बाद ही मुझे पीएचडी पूरी करने का अहसास हुआ. यह थीसिस देश के संविधान को समर्पित है जो सभी वंचितों को ‘अवसर की समानता’ देता है व सभी किसानों, मजदूरों और मेहनतकशों को भी जो हर वस्तु पर टैक्स देते हैं.’
ग़रीबी को सपनों की राह में बाधा नहीं बनने देने वाली मेरी माँ को आज अपनी थीसिस भेंट करने के बाद ही मुझे PhD पूरी करने का अहसास हुआ।यह थीसिस देश के संविधान को समर्पित है जो सभी वंचितों को"अवसर की समानता"देता है व सभी किसानों, मज़दूरों, मेहनतकशों को भी जो हर वस्तु पर टैक्स देते हैं। pic.twitter.com/xLZKEcnHJ1
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) August 10, 2018
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू राष्ट्रद्रोह मामले में अपनी चार्जशीट में जिन 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया है, कन्हैया का नाम उसमें शामिल है. इसके अलावा उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत जेएनयू, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 7 अन्य कश्मीरी छात्र शामिल हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दाखिल अपनी चार्जशीट में वीडियो फुटेज और 100 से ज्यादा गवाहों के बायन को आधार बनाया है.
गौरतलब है कि जेएनयू में साल 2016 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की याद में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगे थे. जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए. इस घटना को लेकर देश में संसद से सड़क तक जबरदस्त राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया था.