समझ में नहीं आता आख़िर गुजरात पुलिस ने मुझे, जिग्नेश मेवानी, रेश्मा पटेल और देश के विभिन्न हिस्सों से आए तमाम साथियों को गिरफ्तार क्यों किया?
इसलिए कि हमने अमरनाथ यात्रा में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धान्जलि दी? या इसलिए की हमलोग आज़ाद देश में बची हुई गुलामी से आज़ादी की बात कर रहे हैं?
गुजरात पुलिस ने हम लोगों को धारा 143 के तहत हिरासत में लिया जिसका मतलब है कि आप ग़ैर कानूनी सभा में शामिल हुए और अगर आप दोबारा ऐसी सभा में शामिल हुए तो आपको जेल भेज दिया जायेगा।
सवाल यह है कि क्या आतंकवादी हमले में मारे गए लोगो को श्रद्धान्जलि देना साहब के गुजरात में या इस देश में ग़ैर कानूनी हैं? क्या भूमिहीनों को आवंटित ज़मीन को कागज़ की बजाए असल में आवंटित करने की मांग करना ग़ैर कानूनी है?
क्या भगत सिंह और बाबा साहेब की बात करना और सामाजिक न्याय की मांग करना ग़ैर कानूनी है? क्या सबके लिए शिक्षा, रोजगार और आत्म सम्मान की बात करना गैर कानूनी है?
पुलिस ने यह कहकर रिहा किया कि शोषण से आज़ादी की बात दोबारा करोगे तो जेल भेज देंगे। मोदीजी, हम तो सब की बराबरी के हक़ के लिए लड़ेंगे आपको जितनी बार भी जेल भेजना हैं, भेज दीजिए।
जब तक देश में शोषण रहेगा, जेल में आना लगा रहेगा।
(कन्हैया कुमार की फेसबुक वॉल से साभार)