19 साल से सरकारी वादों के पूरा होने का इंतजार कर रही है कारगिल शहीद की विधवा

मेरठ में कारगिल शहीद की विधवा 19 साल से एक सड़क का नाम पति के नाम करने, उनके नाम से एक गेट लगवाने और शहीद की समाधि बनवाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। जमीन के लिए वह कई बार लेखपाल को रिश्वत भी दे चुकी हैं।

लेकिन काम नहीं हुआ। शहीद की विधवा का नाम बबिता देवी है। उनके पति लांस नायक सतपाल सिंह कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। उस समय बबिता की उम्र महज 22 साल थी। दो बच्चे थे, साढ़े चार साल का बेटा और डेढ़ वर्षीय बेटी।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

बबिता बताती हैं कि राज्य सरकार की ओर से जमीन देने का वादा किया गया था लेकिन कुछ बीघा जमीन ही सरकार की ओर से उन्हें मिल पाई है और बाकी के लिए वे अधिकारियों के चक्कर आज भी लगा रही हैं।

शहीद के नाम पर सड़क, समाधि और गेट लगवाने का वादा आज तक पूरा नहीं हो पाया। बबिता देवी अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख चुकी हैं। लेकिन हुआ कुछ नहीं।

वादों को पूरा करवाने के लिए बबिता संघर्ष जारी है। वह अपने बच्चों को दिल्ली में पढ़ा रही हैं। बेटा एमबीए कर रहा है, जबकि बेटी दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में इंग्लिश ऑनर्स कर रही है। बबीता देवी का कहना है कि वह बेटे को सेना में देखना चाहती हैं।

शहीद की विधवा को इस बात का मलाल है कि 1999 में तो उनके घर पर नेताओं और अधिकारियों का मेला लगा था लेकिन इसके बाद उनकी सुध लेने के लिए कोई नहीं आया।