करणी सेना को भाजपा शासित सरकारों ने संरक्षण दिया

गुरुग्राम। जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच की दावोस में वार्षिक बैठक में विदेशी निवेशकों को भारत में आने और निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे थे वहीँ सत्ताधारी भाजपा के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाली करणी सेना के गुंडों गुरुग्राम में एक स्कूल बस पर हमला किया था जो किसी आतंकवादी हमले से कम नहीं था।

करणी सेना ने भाजपा शासित राज्यों में जमकर उत्पात मचाया है। करणी सेना को आतंकवादी संगठन क्यों नहीं कहा जा सकता? दावोस में भारत के प्रधानमंत्री ने देश की प्राचीन संस्कृति और ‘वसुधैव कुतुंबकम’ की आस्था के बारे में प्रशंसा की लेकिन विदेशी निवेशक भारत में घटने वाली घटनाओं के बारे में जरूर सोच रहे होंगे।

और अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि फिल्म के खिलाफ विरोध करने वाले गुंडों ने अभी तक फिल्म नहीं देखी है, लेकिन हिंसा को लेकर कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर दी।  

हैरानी की बात है कि गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के राज्यों ने परोक्ष रूप से करणी सेना का संरक्षण नहीं किया बल्कि राज्य में कानून और व्यवस्था की रक्षा के अपने संवैधानिक कर्तव्य को नाकाम कर दिया। शपथ लेने के दौरान उन्होंने डर या एहसान के बिना अपना कर्तव्य करने का वादा किया।