कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में हैरानी वाली बात यह है कि पुलिस ने दंगों के आरोपियों को चंदन गुप्ता की हत्या मामले में सरकारी गवाह बना दिया है। अनुकल्प चौहान और सौरबपाल दंगे के आरोपी हैं। उन्होंने दंगों के बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
अनुकल्प और सौरबपाल के खिलाफ आईपीसी की 147, 149, 295, 336 जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज थी, इसके बावजूद उन्हें सरकारी गवाह बना दिया गया। एसआईटी ने चंदन के पिता सुशील गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई 60वीं एफआईआर की चार्जशीट तैयार की है।
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रमेशचंद्र यादव ने यह चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। सुशील गुप्ता ने इस एफआईआर में सलीम जावेद, वसीम, नसीम और अन्य सहित 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा, चार्जशीट में 23 सरकारी गवाहों के नाम हैं। इनमें अनुकल्प और सौरबपाल का नाम भी है।
हालांकि, आरोपियों को सरकारी गवाह बनाए जाने के मामले में डीआईजी कासगंज पीयूष श्रीवास्तव ने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे। 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। इसमें चंदन गुप्ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। चंदन की मौत के बाद यहां दंगे भड़क गए थे। सरकार ने इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए जांच एसआईटी को सौंप दी थी।