कासगंज हिंसा: हिंदू पत्नी की आप बीती, कहा- ‘मेरे पति का गुनाह मुसलमान होना है’

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में सांप्रदायिक तनाव के बीच, पिछले साल हुआ एक हिंदू लड़की और मुस्लिम युवक का प्रेम विवाह चर्चा में आ गया है।

मार्च 2017 में 20 साल की सुरभि चौहान और 27 साल के राहत ने प्रेम विवाह किया था।

26 जनवरी को तिरंगा यात्रा में  चन्दन गुप्ता  नाम के युवक की हत्या के बाद यह प्रेम विवाह एक बार फिर से संकट में है। सुरभि चौहान के पति राहत को पुलिस ने चंदन गुप्ता हत्याकांड में गिरफ्तार किया है।

सुरभि का कहना है कि राहत की गलती सिर्फ इतनी है कि उसने हिन्दू लड़की से प्रेम विवाह किया है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान जो कुछ भी हुआ उसमें उनके पति की जरा सी भी गलती नहीं थी।

कॉलेज के दिनों में हुआ प्यार
सुरभि चौहान ठाकुर जाति से हैं। वो जब कॉलेज में पढ़ती थीं तभी उन्हें राहत से प्रेम हो गया। राहत तब ड्राइवर थे। सुरभि के पिता भी तब ड्राइवर ही थे।

सुरभि का कहना है कि कॉलेज के दिनों में राहत से उनका प्रेम संबंध परवान चढ़ा था। सुरभि तब ग्रैजुएशन में थीं।

 

अपने पति की गिरफ्तारी से सुरभि बुरी तरह से टूट गई हैं। वो कहती हैं, ”26 जनवरी को मैं राहत के साथ न्यूज देख रही थी। मैंने न्यूज में ही देखा कि बलिराम गेट चौराहे पर कुछ बवाल हो गया है। इसी दौरान राहत को फोन आया कि यहां लड़ाई हो गई है। राहत को लोगों ने बुलाया लेकिन मैंने उसे मना किया कि तुम नहीं जाओगे।”

सुरभि आगे कहती हैं, ”मैंने अपने पति को नहीं जाने दिया। हम अगले दिन 27 जनवरी को अलीगढ़ जा रहे थे। हमें रास्ते में ही पुलिस वालों ने पकड़ लिया। मैंने हाथ-पैर जोड़े कि मेरे पति को छोड़ दो। पुलिस वालों ने कहा कि तेरे लिए सारे ठाकुर मर गए थे कि मुसलमान के साथ चली गई। तुझे कोई और नहीं मिला? मैंने कहा कि मुझे राहत ने मुसलमान नहीं बनाया है।”

ये सब कहते हुए सुरभि फूट-फूट कर रोने लगती हैं। सुरभि खुद को संभालते हुए कहती हैं, ”मेरे पति के साथ पुलिस वालों ने बहुत बदतमीजी की। मैं गिड़गिड़ाती रही कि मेरे पति को छोड़ दो। जो असली गुनाहगार थे उन्हें पुलिस नहीं पकड़ पाई। जो बेकसूर हैं उन्हें पकड़ रही है। मैं ये चाहती हूं कि मेरे पति को बाइज्जज बरी किया जाए। उनको हिन्दू लड़की से शादी के कारण गिरफ्तार किया गया है।”

‘मुसलमान बनने का दबाव नहीं डाला’
क्या राहत को गिरफ्तार कराने में सुरभि के घरवालों का हाथ है? सुरभि कहती हैं, ”मेरे मायके वालों को ये विवाह स्वीकार नहीं है, लेकिन वो ऐसा कतई नहीं कर सकते। वो मुझसे बात नहीं करते हैं, लेकिन हम दोनों के बीच वो पड़ते भी नहीं हैं। उन लोगों को इस रिश्ते से कोई मतलब नहीं है।”

कासगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पीयूष श्रीवास्तव का कहना है कि अगर सुरभि के साथ किसी पुलिसवाले ने बदतमजी की है तो इसकी शिकायत दर्ज कराएं और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ”जहां तक राहत के बेगुनाह होने की बात है तो जांच के बाद ही सारी चीजें साफ हो पाएँगी।”

सुरभि बताती हैं, ”मैं अपने घर हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा करती हूं। राहत ने कभी आपत्ति नहीं की, बल्कि राहत भी मेरे साथ पूजा करता है। वो नमाज भी पढ़ता है।”

सुरभि की इस बात से उनकी सास रेशमा और ससुर जफर भी सहमति जताते हैं। करीब 65 साल के जफर रोते हुए कहते हैं कि उन्होंने सुरभि को कभी मुसलमान बनने के लिए नहीं कहा। हालांकि सुरभि के मैरेज सर्टिफिकेट पर उनका नाम हुमा सुरभि चौहान लिखा है।

इस पर सुरभि कहती हैं, ”राहत ने बड़ी कोशिश थी कि आर्य समाज से शादी कर लूं लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हुमा मुझे शादी करने के लिए जोड़ना पड़ा ताकि मैं निकाह के वक्त खुद को मुसलमान के रूप में दिखा सकूं लेकिन मेरा धर्म जो था वही है और वही रहेगा। मैंने केवल नाम से पहले हुमा जोड़ा, लेकिन धर्म नहीं बदला।”

‘राहत के बिना कहां जाएगी सुरभि’
सुरभि कहती हैं कि उनके मन में मुसलमानों को लेकर ठीक धारणा नहीं थी। उन्होंने कहा, ”मैंने बहुत सुना था कि मुसलमान बहुत धोखा देते हैं। मुसलमानों के लिए चार शादियां जायज हैं। मेरा पति मुझसे बहुत प्यार करता है। राहत से विवाह के बाद मुझे पता चला कि जो बातें कही जाती हैं और जो सच हैं उनमें कितना फर्क होता है।”

सुरभि की इन बातों से सहमति जताते हुए उनकी सास रेशमा कहती हैं, ”अब बताओ ये बेचारी कहां जाएगी। मायके वालों ने तो इसे पहले ही छोड़ दिया। पति को पुलिस ले गई। अब ये कहां जाएगी? ये हमारे मजहब में नहीं आई तो मेरे बेटे के साथ अलग रहती है। ये अब अकेले कब तक रहेगी?”

सुरभि की सास और उनकी ननद को डर है कि अकेले होने के कारण उन्हें परेशान किया जा सकता है। रेशमा कहती हैं जब तक राहत को पुलिस छोड़ नहीं देती है तब तक सुरभि उनके साथ रहे।

सुरभि अपने मायके के बारे में कहती हैं, ”मेरी मां ने वही किया जो हर मां अंतरधार्मिक शादी पर करती है। मेरी मां ने जो गुस्से में किया वो किया, लेकिन अब मेरी मां को कोई समस्या नहीं है। मुझे राहत खुश रखता है और मेरी मां भी इस खुशी के खिलाफ नहीं होगी।”

कब मिलेगी सुरभि को राहत?
जब रविवार दिन में ग्यारह बजे सुरभि अपनी सास रेशमा के घर में ये बातें कह रही थीं तो वहां आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई थी। कई लोगों ने कहा कि जब यह शादी हुई थी तब भी लव-जिहाद जैसी बातें कही जा रही थीं, लेकिन तब कोई बड़ा हंगामा खड़ा नहीं हुआ था।

उत्तर प्रदेश में हिन्दू लड़कियों की मुस्लिम लड़कों से शादी की बात चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने लव जिहाद  कह मुद्दा बनाने की कोशिश की है।

लेकिन जैसे कि कहा गया है प्रेम लाख मुश्किलों में भी अपनी राह खोज ही लेता है, उसी तरह सुरभि-राहत का प्रेम विवाह इन्हीं मुश्किलों से होते हुए आगे बढ़ रहा है।

साभार- बीबीसी हिंदी डॉट कॉम