कश्मीर: यहाँ शिया-सुन्नी एक ही मस्जिद में पढ़ते हैं नमाज़ और एक साथ करते हैं इफ़्तार

श्रीनगर: कश्मीर के बडगाम क्षेत्र में स्थानीय शिया और सुन्नी आबादी ने एक ही मस्जिद में नमाज़ पढ़ने का फैसला किया।

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बीबीसी की खबर के मुताबिक सऊदी अरब और ईरान के बीच ताजा तनाव को लेकर कश्मीर में सुन्नी और शिया दोनों संवेदनशील हैं। दोनों समुदायों के उलेमा आजकल साम्प्रदायिक एकता को और मजबूत करने में लगे हैं। जिला बडगाम के मागाम क्षेत्र के लोगों ने नमाज़ के लिए विशेष मस्जिद का चयन करके आपसी मेलजोल का अनोखा प्रदर्शन कर रहे हैं।

यहां के लोग कहते हैं कि यह कदम उन्होंने दुनिया में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच बढ़ रही तनाव के बाद इसलिए उठाया है, ताकि कश्मीर की शिया और सुन्नी आबादी मसलकी नफरत का शिकार न हो।

मागाम के आलीशान तीन मंजिला जामा मस्जिद में शिया, सुन्नी और अन्य समुदायों से जुड़े सभी मुसलमान न सिर्फ एक साथ नमाज़ पढ़ते हैं बल्कि आजकल एक साथ इफ्तार भी करते हैं।

स्थानीय शिया आलिम हामिद हुसैन मूसवी कहते हैं कि ‘जाहिर है कश्मीर छोटी सी जगह है। हम नहीं कहते हैं कि हमने कोई बड़ा काम किया है। लेकिन एकता और भाईचारा का यह प्रदर्शन हमें बाहर से आने वाली नफ़रत के माहौल से सुरक्षित रख सकता है।’

क्षेत्र के सुन्नी इमाम सैयद रियाज शिराज़ी का कहना है कि ‘अगर यह छोटी सी कोशिश केवल कश्मीर में ही साम्प्रदायिक एकता को सुनिश्चित बना सके तो यह मस्जिद पूरी दुनिया के लिए एकता, सहिष्णुता और भाईचारे की मिसाल बन जाएगी।’