इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन के लिए 27 और 28 जनवरी को खिलाड़ियों की नीलामी होनी है। इस नीलामी में अगर आपको एक ऐसा गुमनाम नाम सुनने को मिले जिनपर पैसों की बरसात हो, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
हम बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के विस्फोटक बल्लेबाज़ मंज़ूर अहमद डार की जिन्हें जे एंड के का सिक्सर किंग भी कहा जाता है। मंज़ूर 21 जनवरी से शुरू होने वाले टी-20 टूर्नामेंट सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर से खेलते हुए दिखाई देंगे।
24 वर्षीय मंज़ूर की ताकत ये है कि वो लंबे-लंबे छक्के जड़ने की क़ाबलियत रखते हैं। यही वजह है कि उन्हें मिस्टर 100 मीटर सिक्सर किंग के नाम से भी जाना जाता है।
6 फीट 2 इंच की लंबाई और 84 किलोग्राम के वज़न वाले मंज़ूर एक वेटलिफ्टर के साथ-साथ कबड्डी के खिलाड़ी भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वो लड़की के सामान बनाने का भी काम कर चुके हैं।
कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले के सोनावरी गांव से ताल्लुख़ रखने वाले मंज़ूर न सिर्फ लंबे छक्के लगाने की क़ाबलियत रखते हैं बल्कि वो लंबी पारी भी खेल सकते हैं। उनकी इस क्षमता को देखते हुए इस बात की उम्मीद की जा रही है कि आईपीएल में उन पर टीमें बड़ा दांव खेल सकती हैं।
जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम के कोच अब्दल क़य्यूम भी मंज़ूर के आक्रामक खेल के कायल हैं और उन्हें इस खिलाड़ी से काफी उम्मीदें हैं। न्यूज़-18 में छपी खबर के मुताबिक मंज़ूर के बारे में बात करते हुए क़य्यूम ने कहा “मंज़ूर हमारे मिस्टर 100 मीटर सिक्सर हैं। वो बॉल को काफी ज़ोर से मारता है।
पिछले साल पंजाब के साथ हुए एक मैच में उसने कई छक्के लगाए और वो सभी 100 मीटर से लंबे थे।” क़य्यूम ने आगे कहा “इस (मंज़ूर) युवा खिलाड़ी में छोटे फॉर्मेट का गेम खेलने की ग़ज़ब की क्षमता है। इसे सिर्फ 12 से 15 बॉलें दें और फिर देखें कि ये बल्लेबाज़ कैसे मैच को पलटता है।”
लंबी कद-काठी और बेजोड़ ताकत की वजह से उनके दोस्त और साथी खिलाड़ी मज़ूर को पांडव कहकर भी बुलाते हैं। पांडव नाम पड़ने पर मंज़ूर कहते हैं “एक दिन गांव में हम कबड्डी खेल रहे थे, जैसे ही मेरी बारी आई विरोधी टीम ने मुझे गिराने की कोशिश की और मैंने उनके तीन खिलाड़ियों को उठा लिया। उसी समय से गांव के लोग मुझे पांडव कहकर बुलाने लगे और मुझे इससे कोई तक़लीफ भी नहीं है।”
आपको बता दें ये दूसरा मौक़ा है जब मंज़ूर को टी-20 मुश्ताक अली मेमोरियल कप के लिए जम्मू-कश्मीर टीम में शामिल किया गया है। इस बाबत मंज़ूर ने कहा “पिछले साल मैंने कुछ मैच खेले थे और नज़रें मुझ पर गईं जब मैंने तेज़ी से 34 रन जोड़े थे।
सिलेक्टर्स ने मुझे नॉर्थ ज़ोन के लिए चुना। इस ट्रॉफी में ये मेरा दूसरी सीज़न और मुझे उम्मीद है कि ये अच्छा साबित होगा।”
गौरतलब है कि मंज़ूर की ज़िंदगी उतनी आसान नहीं जितनी बाकी क्रिकेटरों की होती है। गरीब परिवार से ताल्लुख़ रखने वाले मंज़ूर खुद रात में एक निजी मोटर कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड का काम करते हैं और उनके पिता एक मज़दूर हैं।