कठुआ गैंगरेप केस में बड़ा झूठ हुआ पर्दाफाश, अदालत ने आरोपी को बालिग करार दिया

कठुआ गैंगरेप में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। गुरूवार को कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में खुद के किशोर होने का दावा करने वाले एक आरोपी को जिला अदालत ने बालिग करार दिया है।

अपना फैसला सुनाते हुए जिला एंव सत्र अदालत के न्यायधीश ने कहा कि आरोपी के खिलाफ ट्रायल वयस्क के रूप में किया जाए। वहीं हत्या और बलात्कार के मामले में आरोपी के वकील अंकुर शर्मा ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।

बता दें कि जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को जिला एंव सत्र अदालत में आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी।

जिला अदालत ने जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच से आरोपी प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू की हड्डियों की जांच कराने को कहा था। जिससे उसकी वास्तविक उम्र का पता लग सके। गर्मियों की छुट्टियों की वजह से मुकदमे की सुनवाई रूक गई थी।

हालांकि छुट्टी समाप्त होते ही केस की सुनवाई फिर से शुरू हुई है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची के साथ जनवरी में आठ लोगों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था।

कठुआ केस के मामले में एक आरोपी प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू को जुवेनाइल घोषित करने की अपील पर वीरवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने उसकी याचिका को रद्द कर दिया और अदालत ने आरोपी को जुवेनाइल नहीं माना। अदालत ने ओसीफिकेशन टेस्ट को आधार मान कर उसे बालिग घोषित कर दिया।

सरकारी एडवोकेट जेके चोपड़ा ने बताया कि अदालत ने अपनी तसल्ली के लिए परवेश कुमार उर्फ मन्नू का मेडिकल बोर्ड से कराया। मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर आरोपी परवेश कुमार मन्नू को 20 से 21 वर्ष का बताया है। इस रिपोर्ट के आधार पर सेशन जज ने परवेश कुमार मन्नू को बालिग घोषित कर दिया।

जेके चोपड़ा ने बताया कि डिफेंस काउंसिल को डर है कि उसके आरोपियों को पठानकोट में ट्रायल रोजाना होने पर जल्द ही सजा हो जाएगी। इसलिए डिफेंस काउंसिल के एडवोकेटों ने मामले को लटकाने के लिए जुवेनाइल की अपील दायर की थी।