कठुआ गैंगरेप मर्डर: आज से शुरु होगी सुनवाई, आरोप-पत्र में दरिंदगी की हद का जिक्र

कठुआ दुष्कर्म एवं हत्याकांड के एक नाबालिग समेत आठ आरोपियों के खिलाफ आज से यहां की एक अदालत में सुनवाई शुरू होगी। वहीं पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजावत ने अपने साथ रेप या हत्या कराए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की है। इस मामले में पीड़िता का परिवार आज सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकता है।

दूसरी तरफ भाजपा के दो मंत्रियों चंद्रप्रकाश गंगा और लाल सिंह ने इस कांड की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग के कथित समर्थन करने के कारण महबूबा मुफ्ती मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। दोनों मंत्री एक मार्च को हिन्दू एकता मंच की रैली में शामिल हुए थे।

आरोपियों को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रासना गांव से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि उन्होंने आठ साल की बच्ची को जनवरी में एक सप्ताह तक कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा था।

बच्ची को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के लगभग दो दिनों के बाद 17 जनवरी को बच्ची के शव को जंगल से बरामद किया गया। नाबालिग आरोपी के खिलाफ अलग से आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 15 पन्नों का आरोप-पत्र दाखिल किया था जिनमें आठ आरोपियों के नाम शामिल हैं। आरोपियों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की हद पार की है। आरोप-पत्र के अनुसार इस पूरी दरिंदगी के पीछे का साजिशकर्ता सनजी राम है।

पुलिस ने दावा किया है कि रासना गांव में देवीस्थान के सेवादार सनजी राम ने बकरवाल समुदाय (अल्पसंख्यक समुदाय) को इलाके से हटाने के लिए बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की साजिश रची थी। इस घिनौने कृत्य में सनजी राम के अलावा उसका नाबालिग भतीजा और पुलिस अधिकारी भी शामिल है।

आरोप-पत्र के अनुसार 10 जनवरी को सनजी राम के कहने पर उसके भतीजे ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर बच्ची को अगवा किया था।

बच्ची को नशीली दवाएं देकर देवीस्थान ले जाया गया जहां सभी आठ आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया के नेतृत्व में पुलिस सनजी राम के घर भी पहुंची लेकिन उसने रिश्वत देकर उनका मुंह बंद कर दिया।

आरोप-पत्र में दरिंदगी की हद का जिक्र करते हुए कहा गया कि बच्ची को मारने के लिए जब आरोपी उसे एक पुलिया के पास ले गए तो पुलिस अधिकारी ने उनसे बच्ची को अभी नहीं मारने को कहा क्योंकि वह भी दुष्कर्म करना चाहता था। इसके बाद आरोपियों ने बच्ची को मारकर जंगल में फेंक दिया।