कठुआ गैंगरेप मर्डर: पठान कोर्ट की अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर!

कठुआ में अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ वर्षीय लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने आज पठानकोट की एक अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया।

जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जाला ने विशेष लोक अभियोजक जे के चोपड़ा और अन्य वकीलों के साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।

आरोपपत्र में पीड़िता पर शामक दवा (सेडेटिव) के प्रभाव के बारे में चिकित्सकीय राय, सांझी राम का बेटा विशाल कहां था, ये सब बातें शामिल हैं। विशाल ने दावा किया था कि वह कभी कठुआ नहीं गया। सांझी राम इस साल जनवरी में आठ वर्षीय बच्ची के अपहरण और उसकी हत्या के मामले का मुख्य आरोपी है।

अपराध शाखा ने सांझी राम, उसके पुत्र विशाल, उसके किशोर भतीजे, दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजूरिया उर्फ ‘दीपू’ और सुरेंद्र वर्मा तथा उसके मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू को इस मामले में गिरफ्तार किया है।

इन सबका नौ अप्रैल को दायर पहले आरोपपत्र में नाम शामिल था. अपराध शाखा ने कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया है। इन्होंने कथित तौर पर सांझी राम से चार लाख रुपये लिये थे और अहम साक्ष्यों को नष्ट कर दिया था। राज और दत्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

पूरक आरोपपत्र में जांच का सारांश दिया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि कुमार न सिर्फ सह आरोपी खजूरिया के साथ संपर्क में था, बल्कि राज के संपर्क में भी था, ऐसा समझा जाता है कि सबूतों को नष्ट करने के लिए राज ने सांझी राम और पुलिस के बीच सौदा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आरोपपत्र में कुमार के कॉल विश्लेषण का ब्योरा भी दिया गया है ताकि यह दर्शाया जा सके कि अपराध और उसके तत्काल बाद की महत्वपूर्ण तारीखों पर वह अन्य आरोपियों के साथ मौजूद था।

इसमें कहा गया है, ‘कॉल की अवधि और आठ वर्षीय बच्ची से बलात्कार तथा उसकी हत्या के बाद उसकी आवृत्ति का बढ़ना आरोपी सुरिंदर कुमार की अन्य आरोपियों के साथ गहरी संलिप्तता के निष्कर्ष की ओर ले जाता है।’

अपराध शाखा ने सांझी राम के दो बैंक खातों का भी विश्लेषण किया और पाया गया कि उन खातों से काफी नकदी निकाली गयी। सांझी राम मंदिर का संरक्षक था।

इसी मंदिर में बच्ची को कथित तौर पर कैद करके रखा गया था। दस्तावेज के अनुसार अपराध शाखा ने गवाहों के जो बयान दर्ज किये हैं, उनके अनुसार आरोपी ने कोई भी रचनात्मक गतिविधि नहीं की और उसका सामाजिक दायित्व भी नहीं था।

अपराध शाखा ने आरोपपत्र में कहा है कि सबूतों को नष्ट करने के लिए पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए रकम निकाली गयी। इससे पहले अपराध शाखा ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। शीर्ष अदालत ने उसे पूरक आरोपपत्र दायर करने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया था।

पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत ने बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में आठ जून को सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। सांझी राम को मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। उस पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बच्ची के अपहरण की साजिश रची ताकि इलाके से अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय को भगाया जा सके।

इस मामले में आठवां आरोपी किशोर है। उसकी किस्मत का फैसला किया जाना बाकी है। अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय में आवेदन देकर दावा किया है कि अपराध के वक्त वह वयस्क।