VIDEO: नहीं रहे मजाहिया शायर ‘खामाखा’ हैदराबादी

हैदराबाद: मजाहिया शायरी के लिए मशहूर गौस मोहिउद्दीन अहमद उर्फ़ खामाखा हैदराबादी का 88 साल की उम्र में इंतकाल हो गया। खामाखा हैदराबाद के बेहतरीन उर्दू शायर थे जो अपनी मजाहिया शायरी के लिए बेहद मशहूर थे।

खामाखा को आम बोले जाने वाली दखणी बोली में हास्य और व्यंग्य में महारत हासिल थी। गौस मोहिउद्दीन अहमद हैदराबाद में पैदा हुए और उर्दू में अपनी तालीम पूरी की।

18 साल की उम्र से ही उन्होंने शायरी करना शुरू कर दिया। अपना तखल्लुस खामाखा रखा जिसका मतलब ‘बिना वजह’ होता है।

 

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शायरी के अलावा उन्होंने तीन क़िताबे हर्फ़-ए-मुकर्रर (ए स्टोरी रिटॉल्ड), बा-फर्द-ए-मुहाल और कागज के तिशय भी लिखी हैं।

 

 

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उन्होंने भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत, सल्तनत ओमान में लाइव प्रोग्राम किया था।