नई दिल्ली: अगर आपको लगता है कि “तीन तलाक” को लेकर दिसंबर-जनवरी में सुप्रीम कोर्ट और संसद में जो चर्चा हुई वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ थी, तो आप गलत हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में इस पूरे मामले में अलग नजरिया पेश किया है।
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अपनी किताब में खुर्शीद ने यह बताने की कोशिश की है कि तीन तलाक पर कोर्ट का फैसला इस्लामिक कानून के लिए खतरा नहीं है।तीन तलाक: एग्ज़मिनिंग फैथ, शीर्षक से अपनी नई किताब में खुर्शीद ने तीन तलाक को लेकर उन सभी बातों का डिटेल में ज़िक्र किया है। जिसके बार में हम और आप जानना चाहते हैं।
तीन तलाक क्या है? कैसे होता है? किस तरह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा? कैसे सुप्रीम कोर्ट में इस पर फैसला हुआ और तीन तलाक को लेकर किस तरह की गलतफहमियां हैं? खुर्शीद ने इन सभी सवालों का जवाब अपनी किताब में दिया है। अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को तीन तलाक से संबंधित मामले में एमिकस क्योरी (जज) बनाया था। अपनी किताब में खुर्शीद ने तीन तलाक पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट और उनके कमेंट्स और अपने तर्क भी शामिल किए हैं।