एक-एक कार्यकर्ता लालू बनकर मोदी सरकार की तानाशाही से देश को बचाए: लालू प्रसाद यादव

राजद के 21वें स्थापना दिवस पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही का दौर हैैं। देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही हैैं। राम-रहीम के बंदों को लड़ाया जा रहा हैैं। हमें फासीवादी ताकतों को उखाड़ फेंकना हैैं।

लालू यादव ने कहा कि देश में चल रहे अघोषित इमरजेंसी के दौर में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिएैं। कांग्रेस की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी भी इस अघोषित इमरजेंसी के सामने छोटी हैैं। देश की जो हालत बनाने की कोशिश की जा रही है, अगर यही स्थिति रही तो आनेवाले दिनों में इंदिरा गांधी द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी को कोई याद भी नहीं करेंगे।

लालू ने आगे कहा कि देश में रोजगार, अच्छे दिन, स्विस बैंक से कालाधन लाना, बिजली, किसानों को लागत का चार गुना लाभ का आश्वासन देकर नरेंद्र मोदी केंद्र की सत्ता में बैठ गये। नरेंद्र मोदी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों को भी उन्होंने कटघरे में खड़ा किया।

उन्होंने कहा कि हम लोग आपस में ही लड़ रहे थे। नतीजा हुआ कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बन गयी। तीन सालों में भी मोदी सरकार ने एक सूई का भी कारखाना नहीं लगा पायी। रोजगार देने का आंकड़ा जीरो पर पहुंच गया है।

राजद चीफ ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को भी धोखा दिया है। प्राय: सभी किसान मवेशी रखते हैं। पहले मवेशी की खरीद-बिक्री के लिए गांव-बाजार में मेला लगता था। अब पूरे देश में सब बंद हो गया है। मैला लगाने के लिए इतना शर्त थोप दिया गया है कि मैला बंद करना पड़ा। मवेशियों के नहाने-खाने का इंतजाम कीजिए। चादर का प्रबंध कीजिए। अगर मवेशी की मौत हो जाती है, तो वहीं पर जला दीजिए। वहां से आप कहीं और नहीं ले जा सकते।

आगे कहा कि लाखो-करोड़ों का हो रहा व्यापार बंद हो गया। ग्रामीण गोरक्षा के नाम पर मनमानी हो रही है। सभी पशुपालक परेशान हैं। किसानों को लागत का चार गुना लाभ का आश्वासन देकर केंद्र की सत्ता पर काबिज होनेवाले मोदी सरकार के राज में अब झारखंड में भी किसान आत्महत्या करने लगे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह धराशायी हो चुकी है।

लालू प्रसाद ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार को भी निशाने पर लेते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रपति प्रत्याशी व बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं। वह कोली जाति से आते हैं। दलित के नाम पर उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। वह दलित नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में एकाध फीसदी हैं। बिहार में अनुसूचित जाति में है। जबकि, गुजरात में 18 फीसदी है और ओबीसी के अंतर्गत कोली जाति आती है। वहां विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में कोली जाति का वोट पाने के उद्देश्य से रामनाथ कोविंद को भाजपा ने राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाया है।

राजद सुप्रीमो ने कहा कि पार्टी के 21वें स्थापना दिवस पर सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं, विधायकों और सांसदों समेत पार्टी पदाधिकारियों को खास कारण से आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा ‘घर’ इधर-से-उधर होता रहता है। एक-एक कार्यकर्ता को ‘लालू’ बन कर देश को बचाने के लिए आगे आना है।

लालू प्रसाद यादव ने पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल रखने का सुझाव देने के लिए कनार्टक के पूर्व सीएम रामकृष्ण हेगड़े को भी याद किया। उन्हीं के सुझाव पर मैंने पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल रखा। उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैंने उन्हें अलग कर दिया। ये मेरी गलती थी। आज वह हमारे बीच नहीं हैं।