गैर विवादित जमीन का मामला: सिर्फ़ चुनावी पैंतरा है और कुछ नहीं!

चुनाव आते ही बीजेपी और सभी हिन्दूवादी संगठनों को राम की याद आ जाती है। सत्ता में आने के बाद फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता रहा है। जानकारों का कहना है कि यह केवल चुनावी पैंतरा के सिवा कुछ भी नहीं है। मुस्लिम धर्मगुरुओं से लेकर राजनेता भी इसे सिर्फ़ चुनावी पैंतरा करार दे रहे हैं।

मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट में गैर विवादित जमीन वापस दिए जाने के लिए दी गई याचिका पर बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। 2.77 एकड़ पर ही थी मस्जिद, उसी पर विवाद है।

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव आते ही अयोध्या मुद्दे को लेकर सरगर्मियां शुरू हो जाती हैं। सरकार राम मंदिर पर केवल राजनीति कर रही है। विकास और रोजगार के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही है।
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अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये मंगलवार को कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिससे इस मुद्दे पर फिर चर्चा शुरू हो गई है।

वहीं, रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि विवाद केवल 2.77 एकड़ जमीन का है। बाकी जमीन सरकार ले सकती है लेकिन जब तक 2.77 एकड़ का मामला नहीं निपट जाता राम मंदिर नहीं बन पाएगा।