लॉ कमिशन ने पूछा, क्या सट्टेबाजी और जुआ को कानूनी तौर पर सही ठहरा दिया जाए?

नई दिल्ली: विधि आयोग ने सट्टेबाजी और जुए को कानून के दायरे में लाने के लिए लोगों से राय मांगी है। आयोग ने इसका जवाब 30 दिनों के बीतर देने को कहा है। इसके बाद आयोग इस मामले में सरकार से सिफारिश करेगी।

बता दें कि जो लोग इस पर अपनी राय देना चाहते हैं वो लॉ कमीशन ऑफ इंडिया, 14 वां फ्लोर, एचटी हाउस, केजी मार्ग, नई दिल्ली के पते अपनी राय भेज सकते हैं। इसके अलावा, ईमेल आईडी lci-dla@nic.in पर भी अपना जबाव मेल कर सकते हैं। आयोग के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान की तरफ से वेबसाइट पर अपील की गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि कमीशन इस मामले में स्टडी करना चाहता है कि क्या भारत में सट्टेबाजी और गैंबलिंग को कानूनी ठहराया जा सकता है?

इसमें मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर कहा गया है कि आए दिन ऐसा देखने और पढ़ने को मिलता है कि भारत में सट्टेबाजी अवैध है, फिर भी लोग इसमें संलिप्त हैं और दिवालिया तक हो जाते हैं। इसको रोकने को लेकर जो कानून है, वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। क्योंकि अब देखने में आ रहा है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी हो रही है और उसे रोकना काफी मुश्किल है।

आयोग ने यह भी सवाल किया है कि क्या सट्टेबाजी और गैंबलिंग को कानूनी दर्जा देने से अवैध कारोबार घटेगा? क्या इसके लिए लाइसेंस जारी करने से सरकार को पैसा मिलेगा? क्या इससे नौकरी के अवसर पैदा होंगे? क्या भारतीय संदर्भ और परिस्थितियों में यह सही होगा? आयोग ने यह भी पूछा है कि ऐसा कौन-सा मॉडल है जिससे सट्टेबाजी में शामिल लोगों को दिवालिया होने से बचाया जा सकेगा?

गौरतलब है कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई बनाम क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बिहार के मामले में विधि आयोग से कहा था कि वह स्टडी करे कि क्या भारत में सट्टेबाजी को कानूनी बनाया जा सकता है? सुप्रीमकोर्ट ने लोधा कमेटी की सिफारिश पर क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानून रूप देने पर विधि आयोग को भेजा था जिस पर आयोग कुछ समय से विचार कर रहा था।