सीतामढ़ी: बिहार पुलिस की छवि एक बार फिर दागदार हुई है। पुलिस अधिकारियों ने न केवल एक निर्दोष लेबनानी नागरिक को जेल में डाल दिया बल्कि उसे आतंकवादी घोषित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। लेबनानी नागरिक का नाम फदी फजल है।
फजल के अनुसार वह एक ऐसे अपराध के लिए 13 महीने जेल में रहा, जो उसने किया ही नहीं था। अब वह जेल की सलाखों से बाहर निकला है। फजल को जेल में पहुंचाने का कारनामा बिहार के सीतामढ़ी जिले की पुलिसने की है।
जमानत पर रिहा होने के बाद फजल ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। जब मामला सामने आया तो पुलिस लेपापोती करने में व्यस्त हो गई। जिले के एसपी हरिप्रसाद का कहना है कि यह मामला अभी अदालत में लंबित है, ऐसे में इस पर बहुत कुछ कहना संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि फजल को न तो जबरन गिरफ्तार किया गया था और न ही उसे आतंकवादी करार दिया गया। एसपी हरिप्रसाद एस ने नगर थाना के दारोगा विजय कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया है। जबकि राज्य पुलिस मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी सुनील कुमार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
लेबनानी नागरिक फजल के अनुसार वे पिछले साल 8 जुलाई 2016 को नेपाल घूमने के दौरान सीतामढ़ी में दाखिल हो गया था। सीतामढ़ी के मोहनपुर चौक पर उसे देखने के बाद नगर थानाध्यक्ष विशाल आनंद ने उसे वीजा के बिना भारत में प्रवेश के आरोप में जेल भेज दिया।
पुलिस ने लेबनानी नागरिक के बैग की तलाशी ली, तो हार्ड डिस्क मिली जिसके आधार पर उसे आतंकवादी करार दे दिया गया। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दारोगा विजय कुमार गुप्ता को सौंपी गई। पूछताछ के दौरान दारोगा ने लेबनानी नागरिक के परिजनों से रिश्वत की मांग की। गृह विभाग के अधिकारियों ने भी सीतामढ़ी एसपी को जांच का आदेश दिया।