फ़्रांस : इन दिनों ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर हर जगह एलईडी लाइट्स लगाए जा रहे हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन एलईडी लाइट्स से निकलने वाली नीली रोशनी आपकी आंखों की रेटिना को कभी सही न होने वाली हानि पहुंचा सकती है। फ्रांस की सरकारी स्वास्थ्य निगरानी संस्थान ने इस सप्ताह चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि एलईडी लाइट की ‘नीली रोशनी’ से आंख के रेटीना को नुकसान हो सकता है और प्राकृतिक रूप से सोने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। फ्रांसीसी एजेंसी खाद्य, पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा (ANSES) ने एक बयान में चेतावनी दी है कि नये तथ्य पहले की चिंताओं की पुष्टि करते हैं कि ‘एक तीव्र और शक्तिशाली LED प्रकाश ‘फोटो-टॉक्सिक’ होता है और यह आंखों में स्थित रेटिना की कोशिकाओं को कभी सही नहीं होने वाली हानि पहुंचा सकता है। साथ ही दृष्टि की तीक्ष्णता को भी कम कर सकता है।’
एजेंसी ने 400 पन्नों की एक रिपोर्ट में सिफारिश की है कि भले ही ऐसे स्तर घर या कार्यस्थल के वातावरण में शायद ही कभी मिले हों फिर भी तीव्र जोखिम के लिए अधिकतम सीमा को संशोधित किया जाना चाहिए।
थिंकस्पेन डाट काम के हवाले से इस तरह की पहले भी खबर दी जा चुकी है. उसके अनुसार एलईडी लाइटें इंसान की आंखों के रेटिना को ऐसा नुकसान पहुंचा सकती हैं जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकेगी. एलईडी किरणों में लगातार रहने से यदि एक बार रेटिना की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच जाए तो उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता. कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी स्क्रीन और ट्रैफिक लाइटों के अंतत: एलईडी लाइटों में बदलने को देखते हुए आने वाले समय में एलईडी से होने वाले विकिरण के कारण विश्व स्तर पर आंखों की बीमारी एक महामारी का रूप ले सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि नीली रोशनी की चमक को कम करने के लिए उपकरणों में फिल्टर लगाए जाने की जरूरत है. मैड्रिड के कम्पल्यूटेंस यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डा. सेलिया सांचेज रामोस कहती हैं कि इंसानों की आंखें साल में करीब छह हजार घंटे खुली रहती हैं और अधिकतर समय वे कृत्रिम प्रकाश का सामना करती हैं. इसलिए रामोस कहती हैं कि इस नुकसान से बचने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यही है कि दुष्प्रभाव को कम करने के लिए थोड़े थोड़े समय बाद अपनी आंखों को बंद करें.