नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को रविवार को लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने विदायी दी। इस दौरान पर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पुस्तक राष्ट्रपति मुखर्जी को भेंट की।
सेंट्रल हॉल में अपने विदायी भाषण में राष्ट्रपति ने कहा, “अगर मैं यह कहूं कि इस संसद ने मुझे बनाया है तो इसे अशिष्टता नहीं माना जाएगा।” इसके बाद उन्होंने कहा, “यदि मैं यह कहूं कि इस संसद ने मुझे बनाया है तो इसे अशिष्टता के रूप में नहीं लिया जाएगा।”
— ANI (@ANI_news) 23 July 2017
राष्ट्रपति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद का जो समय विधायी कार्यों में लगना चाहिए उसमें कमी आई है। संसद के एक सदस्य के तौर पर अपने दिनों को याद करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि संसद बहस, चर्चा, असहमति व्यक्त करने का स्थान होता है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने विदाई देने के लिए सांसदों को धन्यवाद दिया।
दूसरी तरफ लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह सभी सदस्यों के लिए अपना सम्मान व्यक्त करने का एक सुअवसर है। वहीं उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद की प्रतिष्ठा और गरिमा बढ़ाई है और उनके विचारों ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का कद बढ़ाया है। गौरतलब है कि उनका कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।