लव जिहाद के फ़र्ज़ी मामले पर लड़की बोली- मुसलमान बनकर ही आगे की जिंदगी जीनी है

अखिला अशोकन, जिसे आज लोग हाडिया के नाम से जानते हैं। दरसल हादिया का पूरा मामला “लव जिहाद” हिंदू अधिकार-विंग समूहों द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है। जिसमें हिंदू महिलाओं को प्रेम का झांसा दे कर फिर विवाह में बदलने की इस्लामी रणनीति का आरोप है।

2014 में बीजेपी सराकर जब से सत्ता में आई थी। लव जिहाद का मुद्दे खिलाफ उन्होंने आंदोलन की शुरुआत की थी। साथ ही केरल हाई कोर्ट ने कहा कि 24 साल की मेडिकल स्टूडेंट अखीला जिसे विवाह के दो साल पहले इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया था।

एनडीटीवी के द्वारा हादिया ने बताया कि अब ये सब बंद होने चाहिए। पिछले तीन महीनों में सिर्फ एक कमरे और एक बाथरूम में रह रही है। उसे कहीं बाहर जाने की अनुमति नहीं है। परिवार बहुत ज्यादा नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है वे शर्मिंदा हो गए हैं।

कार्यकर्ता राहुल इसावर ने जब हादिया से कहा है कि मैं उनकी मदद करूँगा लेकिन उन्हें अपने माता-पिता को नहीं छोड़ना चाहिए। तब उन्होंने कहती है कि वह मुसलमान के रूप में ही अपनी आगे की जिंगदी जारी रहना चाहतीं है।

किसी भी मामले में, इस्लामी कानून के सिद्धांतों के तहत, एक हिंदू पिता अपनी बेटी की शादी की रस्म में भाग नहीं ले सकता क्यूंकि बेटी ने इस्लाम धर्म मान लिया था। और इस्लामिक संस्कारों के अनुसार शादी कर ली थी।

लेकिन उसे अपने पिता के एम अशोकन के बयान में ये कहा गया कि उनकी बेटी को सीरिया में इस्लामी राज्य के मिशन द्वारा भर्ती किया। शाफिन ‘केवल एक माध्यम था जिसे शादी की भूमिका निभाने के लिए इस्तोमाल उनकी बेटी को निशाना बनाया गया था’।

हादिया 24 वर्ष की है जो एक होम्योपैथ के तौर पर प्रशिक्षित है। उसके पिता, अशोक के एम, ने तर्क दिया है कि शाफिन जहान का आईएसआईएस के साथ संबंध हैं। केरल उच्च न्यायालय में उसकी गवाही को अनदेखा करते हुए उन्होंने इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया था। उसकी खुद की इच्छा और वह एक इस्लामवादी विवाहित साइट के माध्यम से शफीन जहान से मिले।

हाडिया के पिता के दावे के आधार पर, केरल उच्च न्यायालय ने मई में हादिया के विवाह को रद्द कर दिया। उन्हें कोट्टयम में अपने माता-पिता के साथ रहने के लिए वापस जाने का आदेश दिया।

इस मामले में शाफीन जहान ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि यह विवाह सहमति के साथ हुआ है और दोनों ही वयस्क है।

हालांकि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को NIA के जाँच एजेंसी को सौप दिया है। साथ ही हादिया के पिता को दस दिन का वक़्त दिया है सुबूत सौपने के लिए।