नई दिल्ली। प्यार और कई मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन राइफलमैन औरंगजेब की क्रूर मौत का कारण बना। कई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
दक्षिण कश्मीर के शादीमुर्ग में तैनात सेना के जवान औरंगजेब का 14 जून को 44 राष्ट्रीय राइफल्स शिविर छोड़ने के तुरंत बाद अपहरण कर लिया गया था। सुबह करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा।
वो जिस कार में सवार होकर घर जा रहे थे, आतंकवादियों ने उनको कालम्पोरा में रोक लिया और उनका अपहरण कर लिया। राइफलमैन ईद मनाने के लिए पूंछ में अपने घर जा रहा था, लेकिन घाटी छोड़ने से पहले उसे एक स्थानीय महिला से मिलना था।
एक अधिकारी ने बताया, ‘वह एक महिला के संपर्क में था और दोनों संपर्क में थे’। जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने भारतीय सेना के जवान औरंगजेब को अगवा करने के बाद हत्या कर दी।
कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब का शव गोलियों से छलनी पाया गया। पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला। उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान मिले।