I LOVE U का मतलब ये नहीं कि लड़की जिश्मानी ताल्लुक के लिए तैयार है : सुर्पीम कोर्ट

नयी दिल्‍ली : ‘I LOVE YOU’ को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्‍पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई लड़की आई लव यू लिखती या कहती है तो इसका मतलब ये नहीं होता कि वो शारीरिक संबंध बनाने के लिए उपलब्‍ध है। कोर्ट ने यह अहम टिप्‍पणी डेरा सच्‍चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम पर लगे रेप के आरोपों की सुनवाई के दौरान की है। डेरा सच्‍चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम पर साधुओं को नपुंसक बनाने का केस दर्ज आपको बताते चलें कि राम रहीम पर 17 साल पहले रेप का आरोप लगा था। 1999 के इस मामले में 3 साल बाद 2002 में एफआईआर दर्ज हुआ था। अपनी दलील में राम रहीम ने कहा था कि महिला ने उन्‍हें I LOVE YOU कहते हुए पत्र लिखा था। राम रहीम ने महिला की हैंडराइटिंग मिलाने की भी मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने लेटर और हैंडराइटिंग की मिलान की मांग ठुकरा दी। कोर्ट ने अपने टिप्‍पणी में साफ तौर पर कहा कि चिट्ठी की भाषा समझने के बाद ऐसा कहीं नहीं लग रहा है कि महिला संबंध बनाने की सहमति दे रही है। अब बाबा राम रहीम की मुश्‍किलें बढ़ती नजर आ रही है। इसके साथ ही कोर्ट की इस टिप्पणी को काफी अहम माना जा रहा है। अब देखना यह है कि बाबा को लेकर इस मामले में निचली अदालत क्या फैसला सुनाती है।