नई दिल्ली। रसोई गैस पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म किए जाने के सरकार के फैसले को जनविरोधी बताते हुए लोकसभा में आज कई विपक्षी सदस्यों ने इसपर रोष जताया और इसे वापस लेने की मांग की।
आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में एक राष्ट्रीय पैट्रोलियम संस्थान स्थापित करने के लिए पैट्रोलियम राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा सदन में चर्चा के लिए पेश किए गए ‘भारतीय पैट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान विधेयक 2017’ पर बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 112 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 45-51 डॉलर प्रति बैरल के इर्द गिर्द ठहरी हुई हैं सरकार की ओर से गैस सब्सिडी अगले साल तक पूरी तरह खत्म करने का फैसला बेहद चौंकाने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से करीब सवा करोड़ बी.पी.एल. परिवार सीधे प्रभावित होंगे। उन्होंने पैट्रोलियम राज्य मंत्री से जानना चाहा कि आखिर सरकार ने किस आधार पर यह फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि क्या सरकार ने अपने आप यह अंदाजा लगा लिया कि अगले वर्ष तक 118 लाख लोग गरीबी की रेखा से ऊपर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को तो तेल के दाम घटने का फायदा आम लोगों तक पहुंचाना चाहिए था इसके उलट वह सब्सिडी खत्म करने का कदम उठा रही है।