लखनऊ। तीन तलाक के लिए लड़ रही मुस्लिम महिलाओं के लिए अच्छी खबर है । अब तलाकशुदा मुस्लिम महिलाअों को गुजारे के लिए कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने होंगे । पर्सनल लॉ बोर्ड अब इन बेसहारा महिलाअों का सहारा बनेगा अौर इनके गुजरबसर करने का बंदोबस्त करेगा ।
इसके तहत पर्सनल लॉ बोर्ड तलाकशुदा महिलाअों की अार्थिक मदद के लिए कार्पस फंड बनाने की तैयारी कर रहा है । वहीं एेसी जानकारी हैं कि 9 फरवरी सो होने वाली बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है ।
जानकारी के लिए बता दें की ख़लीफ़ाअों के दौर में बेसहारा महिलअों को हर महीने पेंशन दी जाती थी । इसको मद्देनजर रखकर पिछले सितंबर में भोपाल में आयोजित पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास कर सरकार से वक्फ बोर्डों के जरिये तलाकशुदा महिलाओं की आर्थिक मदद की व्यवस्था के लिए मांग की गई थी ।
बता दें कि तीन तलाक के मामले में कोर्ट के दखल के बाद से ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेसहारा व परेशान तलाकशुदा महिलाओं के गुजारे के बंदोबस्त की कवायद शुरू कर दी थी । शरीयत में वक्फ संपत्तियों से तलाकशुदा, विधवा, गरीब और यतीमों की मदद करने की व्यवस्था है ।
बोर्ड का मानना है कि दारुलकजा के बजाय कोर्ट में जाने वाले अधिकांश मामले तलाक के बाद गुजारा भत्ते के लिए ही होते हैं । तलाक के बाद ज्यादातर मामलों में पति बच्चों की परवरिश करने में सहयोग नहीं करते । इसकी वजह से महिलाएं गुजारे भत्ते के लिए वर्षों तक कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर रहती हैं ।
देश भर के वक्फ बोर्ड सरकार के अंतर्गत कार्य करते हैं । लिहाजा पर्सनल लॉ बोर्ड को इनसे तलाकशुदा महिलाओं को खास राहत मिलने की उम्मीद नहीं है । वह इनकी मदद के लिए खुद कार्पस फंड बनाने की तैयारी कर रहा है ।