केंद्र की रिपोर्ट: घाटी में मदरसों, मस्जिदों और मीडिया पर नियंत्रण की जरूरत

कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें यहां मस्जिद, मदरसा और मीडिया पर नियंत्रण करने, राजनीतिक स्थिति में बदलाव लाने, खुफिया ढांचे को मजबूत करने और हुर्रियत के नरमपंथी धडे़ से नजदीकी बढ़ाने जैसे सुझाव दिए गए हैं। इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को भेजा गया है।

गृह मंत्रालय की इस रिपोर्ट में घाटी में तीन दशक से जारी हिंसक प्रदर्शनों और आतंकी घटनाओं के बारे में चर्चा की गई है लेकिन इसमें पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया है। घाटी के मौजूदा सियासी हालात को बदलने का सुझाव दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अपने जम्मू और कश्मीर डिवीजन को फिर से जीवित करने की जरूरत है क्योंकि यह फिलहाल मृतप्राय है।

रिपोर्ट में अलगाववादियों के लिए कहा गया है कि उन पर आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों के जरिए लगाम कसनी चाहिए। लेकिन इस दौरान अलगाववादियों के नरमपंथी धड़े से बातचीत करनी चाहिए।

इस रिपोर्ट में इस क्षेत्र के आर्थिक विकास और रोजगार उपलब्ध कराने पर भी सुझाव दिए गए हैं। आतंकवादियों से मुकाबले के लिए एक बार फिर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को स्रक्रिय करने की जरुरत बताई गई है।